“चडीएफसी बैंक के चुनिंदा लोन महंगे, MCLR बढ़ाकर महंगी कर दी EMI“
एचडीएफसी बैंक ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में बढ़ोतरी की घोषणा की है, जिसके बाद अब बैंक के कई लोन महंगे हो गए हैं। इस फैसले के बाद, जिन ग्राहकों ने फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया है, उनकी EMI (इंस्टॉलमेंट्स) में बढ़ोतरी हो सकती है। खासकर होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन जैसे लोन पर इसका असर ज्यादा होगा।
क्या है MCLR?
MCLR (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट) वह दर है, जिस पर बैंक अपने ग्राहकों को लोन देता है। जब बैंक MCLR बढ़ाता है, तो इसका असर उन ग्राहकों पर पड़ता है जिन्होंने फ्लोटिंग रेट लोन लिया है, क्योंकि उनकी EMI सीधे MCLR से जुड़ी होती है।
HDFC बैंक का MCLR बढ़ाने का कारण
एचडीएफसी बैंक ने MCLR को बढ़ाकर अपनी लोन दरों में इजाफा किया है, जिससे बैंक को अपने बढ़ते फंडिंग खर्चों को पूरा करने में मदद मिलेगी। दरअसल, बाजार में ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी के कारण बैंक को अपनी फंडिंग लागत को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाना पड़ा।
MCLR बढ़ने से क्या असर पड़ेगा?
MCLR बढ़ने से जिन ग्राहकों के पास फ्लोटिंग रेट लोन हैं, उनकी EMI में वृद्धि हो सकती है। खासतौर पर होम लोन और पर्सनल लोन जैसे लोन पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
- होम लोन: अगर आपने HDFC बैंक से होम लोन लिया है, तो आपकी EMI में बढ़ोतरी हो सकती है।
- पर्सनल लोन और कार लोन: इसी तरह, कार लोन और पर्सनल लोन के ग्राहक भी प्रभावित हो सकते हैं, क्योंकि इन लोन पर भी फ्लोटिंग रेट लागू होता है।
ग्राहकों के लिए क्या करें?
अगर आपने फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया है और आपकी EMI बढ़ रही है, तो आपको अपनी लोन पुनर्गठन (restructuring) का विकल्प देखने की जरूरत हो सकती है। आप बैंक से संपर्क करके अपनी EMI को पुनः व्यवस्थित करने का प्रयास कर सकते हैं।
निष्कर्ष:
एचडीएफसी बैंक के MCLR में बढ़ोतरी के बाद चुनिंदा लोन महंगे हो गए हैं, जिसका सीधा असर EMI पर पड़ेगा। अगर आप इस बैंक से लोन ले चुके हैं, तो अपनी EMI में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए वित्तीय योजना को अपडेट करना जरूरी होगा।