हाल ही में, भारत के हॉकी खिलाड़ियों ने एक ऐसा मामला उठाया है जो खेलों की दुनिया में गंभीर मुद्दा बन गया है। ओलंपिक मेडलिस्ट खिलाड़ियों के बजाय एक चायवाले के साथ सेल्फी लेने का हंगामा सोशल मीडिया पर छा गया है, जिससे खिलाड़ियों का दर्द छलक उठा है।
खिलाड़ियों का दुख:
भारतीय हॉकी टीम के सदस्यों ने इस बात पर अफसोस जताया है कि उन्हें अपने सम्मान और उपलब्धियों के बजाय आम लोगों के साथ सेल्फी लेते हुए देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा व्यवहार उनकी मेहनत और समर्पण को कम कर रहा है। खिलाड़ियों ने महसूस किया कि समाज को उनकी उपलब्धियों की सराहना करनी चाहिए, न कि उन्हें केवल एक सेल्फी के लिए लोकप्रियता का साधन मानना चाहिए।
सोशल मीडिया का प्रभाव:
इस मामले ने सोशल मीडिया पर भी हलचल मचाई है। कई यूजर्स ने इस पर अपनी राय दी है और कुछ ने तो यह भी कहा है कि चायवाले के साथ सेल्फी लेने का यह बुखार खेलों के प्रति असली प्रशंसा की कमी को दर्शाता है।
खेलों में सम्मान की कमी:
हॉकी खिलाड़ियों का यह भी कहना है कि उन्हें अपने खेल के लिए उचित सम्मान नहीं मिल रहा है। जब वे ओलंपिक में मेडल जीतते हैं, तो उनके सम्मान की तुलना में चायवाले या अन्य आम लोग ज्यादा चर्चा का विषय बन जाते हैं।