सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति लड्डू विवाद को लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि भगवान को राजनीति से दूर रखना चाहिए और धार्मिक मामलों में राजनीति का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
मुख्य बिंदु:
- लड्डू विवाद का पृष्ठभूमि:
- तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद का वितरण विवाद का विषय बना हुआ है। सीएम नायडू ने कुछ समय पहले लड्डू के वितरण में परिवर्तन का प्रस्ताव रखा था, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ।
- कोर्ट ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं का पालन होना चाहिए और इनका राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग नहीं होना चाहिए।
- कोर्ट का रुख:
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “भगवान को राजनीति से दूर रखना चाहिए।”
- न्यायालय ने स्पष्ट किया कि धार्मिक स्थल और उनकी परंपराओं का राजनीतिक इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
- राजनीतिक बयानबाजी:
- नायडू ने इस मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक बयानों के माध्यम से अपनी बात रखी थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें सलाह दी कि इस तरह की बयानबाजी धार्मिक मामलों में बाधा डाल सकती है।
- भविष्य की योजनाएँ:
- सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देशित किया कि सभी धार्मिक स्थलों को अपने पारंपरिक ढांचे के भीतर कार्य करना चाहिए और उन्हें राजनीतिक दबाव से मुक्त रखा जाना चाहिए।
आगे की कार्रवाई:
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आगामी सुनवाई की तारीख तय की है और सभी संबंधित पक्षों को अपनी-अपनी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।
यह मामला न केवल तिरुपति मंदिर की परंपराओं को लेकर है, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट होता है कि कैसे राजनीति और धर्म के बीच की सीमाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।