26 सितंबर 2024: चीन द्वारा निर्मित और पाकिस्तान के सहयोग से विकसित किया गया JF-17 लड़ाकू जेट एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार चर्चा इसकी विश्वसनीयता और ताकत को लेकर नहीं बल्कि इसे “कबाड़” कहे जाने पर हो रही है। चीन ने हाल ही में यह जेट एक मुस्लिम देश को बेचा है, लेकिन इसकी तुलना भारत की अत्याधुनिक ‘अस्त्र’ मिसाइल से की जा रही है, जो कई मामलों में JF-17 को पीछे छोड़ती है।
JF-17 थंडर: चीन और पाकिस्तान का संयुक्त प्रोजेक्ट
JF-17 थंडर जेट चीन और पाकिस्तान की संयुक्त परियोजना है, जिसे पाकिस्तान ने अपनी वायु सेना के लिए विकसित किया। यह कम लागत वाला, सिंगल-इंजन मल्टीरोल लड़ाकू विमान है, जिसका मुख्य उद्देश्य हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमले करना है। हाल ही में यह विमान एक मुस्लिम देश को निर्यात किया गया है, लेकिन इसके प्रदर्शन और विश्वसनीयता को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, JF-17 की तकनीक पुरानी हो चुकी है, और इसे आज के आधुनिक युद्ध की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम नहीं माना जा रहा है।
अस्त्र मिसाइल: भारत का स्वदेशी ‘सुपर वेपन’
इसके विपरीत, भारत ने हाल के वर्षों में अपनी स्वदेशी ‘अस्त्र’ मिसाइल को विकसित किया है, जो दुनिया की सबसे उन्नत हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों में से एक मानी जाती है। यह मिसाइल 100 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक सटीक निशाना साध सकती है, और इसे भारत के Su-30MKI और अन्य विमानों पर तैनात किया जा रहा है। भारतीय वायु सेना के पास अस्त्र मिसाइल की मारक क्षमता, गति और तकनीकी श्रेष्ठता है, जो पाकिस्तान के JF-17 से काफी आगे है।
क्यों कहा जा रहा है JF-17 को ‘कबाड़’?
विशेषज्ञों का मानना है कि JF-17 में कई तकनीकी कमियां हैं, जो इसे आधुनिक युद्ध में कमजोर बनाती हैं। इसका एवियोनिक्स सिस्टम पुराना है, रडार की क्षमता सीमित है, और इसका लड़ाकू प्रदर्शन भी उतना प्रभावी नहीं है। इसी कारण कई रक्षा विशेषज्ञ और विश्लेषक इसे ‘कबाड़’ के रूप में देख रहे हैं। JF-17 की तुलना में भारत के पास मौजूद अस्त्र मिसाइल सिस्टम और Su-30MKI जैसे जेट तकनीकी रूप से काफी उन्नत और विश्वसनीय हैं।
मुस्लिम देशों को चीन का सैन्य कबाड़
चीन ने हाल के वर्षों में अपने हथियारों और सैन्य उपकरणों को कई मुस्लिम देशों को निर्यात किया है, जिनमें JF-17 भी शामिल है। हालांकि, इन देशों में इस विमान को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ देश इसे कम लागत का विकल्प मान रहे हैं, लेकिन कई देश इसकी तकनीकी सीमाओं से परेशान हैं। चीन द्वारा निर्यात किए गए इन उपकरणों की गुणवत्ता पर सवाल उठते रहे हैं, और JF-17 इसका एक बड़ा उदाहरण है।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती सैन्य प्रतिस्पर्धा
भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य प्रतिस्पर्धा हमेशा से ही एक प्रमुख मुद्दा रहा है। जहां पाकिस्तान चीन से सैन्य सहयोग प्राप्त करता है, वहीं भारत अपनी स्वदेशी तकनीकों के विकास और रूस, इजरायल, फ्रांस जैसे देशों से सैन्य सहयोग पर निर्भर है। भारत की अस्त्र मिसाइल और Su-30MKI जैसे हथियार सिस्टम पाकिस्तान के JF-17 के मुकाबले में काफी आगे हैं, और यही बात दोनों देशों के बीच शक्ति संतुलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।