अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अहम मुलाकात से पहले खालिस्तानी मुद्दा गर्माया हुआ है। खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के बढ़ते गतिविधियों को लेकर अमेरिकी अधिकारियों ने एक महत्वपूर्ण बैठक की है। इस मीटिंग में भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को भी चर्चा में शामिल किया गया है।
प्रमुख बिंदु:
- पन्नू का उभरता खतरा:
- खालिस्तान समर्थक नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू पिछले कुछ समय से भारत विरोधी गतिविधियों में सक्रिय है। वह अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों से खालिस्तानी आंदोलन को फिर से उठाने की कोशिश कर रहा है, जिससे भारत की सुरक्षा को गंभीर खतरा महसूस किया जा रहा है।
- अमेरिकी अधिकारियों की बैठक:
- अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले में एक बैठक की, जिसमें पन्नू के बढ़ते खतरे और उसकी गतिविधियों को लेकर चर्चा हुई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य खालिस्तानी गतिविधियों पर नियंत्रण और अमेरिका से भारत को मिलने वाले समर्थन को सुनिश्चित करना था।
- अजीत डोभाल को समन:
- भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए समन भेजा गया है। डोभाल खालिस्तान से जुड़े इस मामले में भारत की स्थिति को स्पष्ट करेंगे और अमेरिका से सहयोग की उम्मीद रखेंगे ताकि पन्नू की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा सके।
- बाइडन-मोदी मुलाकात के लिए अहम मुद्दा:
- पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन की आगामी मुलाकात में खालिस्तान मुद्दा एक महत्वपूर्ण विषय हो सकता है। भारत-अमेरिका के बीच इस मुद्दे पर आपसी सहयोग से दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत हो सकते हैं।
- खालिस्तानी गतिविधियों पर चिंता:
- खालिस्तानी समर्थकों द्वारा विदेशों में भारतीय समुदायों और दूतावासों पर हमले और हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं, जिसने भारत की चिंता बढ़ा दी है। इसी को देखते हुए भारत ने अमेरिकी प्रशासन से इस पर ठोस कार्रवाई की मांग की है।