हाल ही में International Labour Organization (ILO) की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में कर्मचारियों पर अत्यधिक कार्य का दबाव डाला जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, ओवर वर्क के मामले में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर है।
रिपोर्ट का मुख्य बिंदु
- ओवरटाइम का दबाव: रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय कर्मचारी औसतन ज्यादा घंटे काम कर रहे हैं, जिससे उनकी सेहत और मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
- तनाव और स्वास्थ्य समस्याएं: लगातार बढ़ते काम के बोझ के कारण कर्मचारियों में तनाव, चिंता और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की संख्या बढ़ती जा रही है।
- समाज पर प्रभाव: लंबे काम के घंटे न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं, बल्कि परिवार और सामाजिक जीवन पर भी असर डालते हैं।
आवश्यक कदम
ILO ने इस समस्या को हल करने के लिए सुझाव दिए हैं, जिसमें कार्य-जीवन संतुलन को बढ़ावा देना और श्रमिकों के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करना शामिल है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
इस रिपोर्ट के बाद विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों ने भारतीय सरकार से अपील की है कि वह इस मुद्दे पर ध्यान दे और कर्मचारियों की भलाई के लिए ठोस कदम उठाए।