“प्रयागराज महाकुंभ: मौनी अमावस्या पर दूसरा अमृत स्नान कल”
प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर कल दूसरा अमृत स्नान होगा। यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है।
पहला अमृत स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर संपन्न हुआ था, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। मौनी अमावस्या पर होने वाला स्नान भी कुंभ मेले के सबसे महत्वपूर्ण आयोजनों में से एक है।
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या का दिन आत्मशुद्धि, ध्यान और मौन के लिए समर्पित होता है। इस दिन गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान को मुक्ति और मोक्ष का मार्ग बताया गया है। अमृत स्नान के दौरान संगम पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
तैयारियां पूरी
महाकुंभ प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए हैं। स्नान घाटों पर सुरक्षा, साफ-सफाई और यातायात व्यवस्था को सुनिश्चित किया गया है। साथ ही, लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल और स्वयंसेवकों की तैनाती की गई है।
श्रद्धालु मौनी अमावस्या के इस पावन स्नान के लिए पूरे उत्साह के साथ प्रयागराज पहुंच रहे हैं। अमृत स्नान की यह परंपरा आध्यात्मिकता और श्रद्धा का अनुपम संगम है।