“16वीं राज्य विधानसभा का तीसरा सत्र शुरू”
16वीं राज्य विधानसभा का तीसरा सत्र शुक्रवार को राज्यपाल हरिभाऊ बागडे के अभिभाषण के साथ प्रारंभ हुआ। राज्यपाल ने मोदी सरकार के नेतृत्व की सराहना करते हुए देश में हुए बदलावों पर चर्चा की। अपने अभिभाषण में उन्होंने राज्य सरकार के पिछले एक वर्ष के कार्यों का ब्यौरा प्रस्तुत किया और सरकार की विभिन्न उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं, किसानों, महिलाओं तथा बाल विकास के क्षेत्र में लगातार कार्य कर रही है और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
राज्यपाल ने हाल ही में संपन्न “राईजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट” को प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास में मील का पत्थर बताया। उन्होंने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार पर जल जीवन मिशन घोटाले और पेपर लीक जैसी घटनाओं के चलते प्रदेश की साख खराब करने का आरोप लगाया। साथ ही, ईआरसीपी परियोजना को पिछली सरकार द्वारा रोकने की बात भी कही।
राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द डोटासरा ने सरकार पर बैठकें न करने का आरोप लगाया, जिसका राज्यपाल ने तीखे अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि जनजाति हितों से जुड़ी बैठकें करना उनकी जिम्मेदारी है और वे इसे पूरा करेंगे।
इसके अलावा, कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर का विधानसभा से निलंबन शुक्रवार को समाप्त कर दिया गया। मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने इस संबंध में प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने मंजूरी दे दी।
राज्यपाल के अभिभाषण के बाद शुक्रवार को सदन में विधेयकों और तीन अध्यादेशों को पटल पर रखा गया। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही 3 फरवरी तक स्थगित कर दी गई। बजट सत्र दो चरणों में संचालित होगा, जिसमें पहला चरण 7 फरवरी को समाप्त होगा, जबकि दूसरा चरण 19 फरवरी से प्रारंभ होगा। इसी दिन राज्य का बजट प्रस्तुत किया जाएगा।
संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में सरकार की नीतियों और दृष्टिकोण को स्पष्ट किया है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में विपक्ष द्वारा कोई बड़ा आरोप नहीं लगाया गया है, जो गर्व की बात है। वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि सदन में जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए और सरकार की कथनी व करनी में अंतर होने का आरोप लगाया।