उत्तराखंड: चमोली जिले में वन भूमि पर अतिक्रमण पर एनजीटी के सख्त रवैये से हरकत में आया वन विभाग।

उत्तराखंड के चमोली जनपद में वन भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए एनजीटी के आदेश पर प्रशासन सख्त, नोटिस जारी

उत्तराखंड के चमोली जनपद में 104 वर्ग किलोमीटर वन भूमि पर अवैध कब्ज़े को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बाद बद्रीनाथ वन प्रभाग द्वारा सख़्ती से कार्रवाई की जा रही है। बद्रीनाथ वन प्रभाग के डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे ने बताया कि प्रभाग में कुल 937 हेक्टेयर वन भूमि पर 1979 लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ है।

डीएफओ के अनुसार, देवाल में 600, थराली में 473, नंदप्रयाग में 108, नारायणबगढ़ में 13 और चमोली कस्बे में 595 लोगों द्वारा वन भूमि पर कब्ज़ा किया गया है। विभाग ने सभी कब्ज़ाधारियों को नोटिस जारी कर 25 अप्रैल तक खुद अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है। ऐसा न करने वालों के विरुद्ध बेदखली की कार्रवाई की जाएगी।

अतिक्रमण हटाने का नोटिस मिलने के बाद वन भूमि पर दशकों से रह रहे स्थानीय निवासियों में हड़कंप मचा है। अतिक्रमणकारियों का कहना है कि वे कई पीढ़ियों से यहां निवास कर रहे हैं। स्थानीय निवासी भुवना लाल और मीना देवी ने कहा कि उनकी कई पीढ़ियां यहां रही हैं। अचानक आदेश के बाद अब वे कहां जाएंगे, यह समझ नहीं आ रहा है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से पुनर्वास के लिए उचित इंतज़ाम की मांग भी की है।

वहीं, वन विभाग का स्पष्ट कहना है कि एनजीटी के आदेश का पालन सख़्ती से किया जाएगा। तय समय तक अतिक्रमण न हटाने पर विभाग विधिक कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा।

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