एमपॉक्स अब वैश्विक पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी नहीं है : डब्ल्यूएचओ

डब्ल्यूएचओ ने एमपॉक्स को अब पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी से मुक्त बताया, लेकिन सतर्कता बरतने की दी हिदायत

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एमपॉक्स को लेकर दुनिया को राहत दी है। अफ्रीका में तेजी से फैलने के बाद अगस्त 2023 में इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया था, लेकिन अब डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि मौजूदा स्थिति को अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल मानने की जरूरत नहीं है।

डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने बताया कि कांगो, बुरुंडी, सिएरा लियोन और युगांडा जैसे देशों में मामलों और मौतों में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। साथ ही प्रभावित देशों ने अपनी रिस्पॉन्स क्षमता भी विकसित कर ली है। इन्हीं कारणों से आपातकाल का दर्जा हटा लिया गया है।

हालांकि, टेड्रोस ने चेतावनी दी कि आपातकाल हटाने का मतलब यह नहीं है कि खतरा पूरी तरह खत्म हो गया है। नए प्रकोप और फ्लेयर-अप की संभावना बनी हुई है, इसलिए निगरानी और त्वरित कार्रवाई जारी रहेगी। छोटे बच्चों और एचआईवी संक्रमित लोगों को अभी भी अधिक जोखिम है।

अफ्रीका सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (अफ्रीका सीडीसी) ने एमपॉक्स को अब भी महाद्वीपीय पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी माना है। संस्था ने बताया कि घाना, लाइबेरिया, केन्या, जाम्बिया और तंजानिया जैसे देशों में नए मामलों में वृद्धि दर्ज की जा रही है, भले ही महाद्वीप स्तर पर साप्ताहिक पुष्ट मामलों में 52% की गिरावट आई हो।

एमपॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है, जो जानवरों से इंसानों में फैलती है। शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और लिम्फ नोड्स की सूजन शामिल हैं, जिसके बाद त्वचा पर दाने निकल आते हैं। अधिकांश मरीज कुछ हफ्तों में ठीक हो जाते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है।

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