“पीएम गति शक्ति परियोजना: प्रमुख रेल और सड़क अवसंरचनाओं का आकलन, विकास को नई दिशा”
नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) की 85वीं बैठक में पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) के सिद्धांतों के अनुरूप पांच प्रमुख परियोजनाओं का आकलन किया गया। इसमें 2 रेलवे और 3 राजमार्ग विकास परियोजनाएं शामिल हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य मल्टीमॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर, अंतिम-मील कनेक्टिविटी और समन्वित विकास को बढ़ावा देना है।
1. डांगोपोसी-जरोली रेलवे परियोजना (झारखंड और ओडिशा):
- लंबाई: 85.88 किलोमीटर।
- यह परियोजना झारखंड और ओडिशा में मौजूदा कॉरिडोर के समानांतर तीसरी और चौथी लाइन के निर्माण पर केंद्रित है।
- खनिज समृद्ध क्योंझर क्षेत्र से औद्योगिक केंद्रों और पारादीप बंदरगाह तक लौह अयस्क के कुशल परिवहन को सुनिश्चित करेगी।
- इससे कोयला, जिप्सम और उर्वरक जैसी वस्तुओं की निर्बाध ढुलाई होगी और पूर्वी व उत्तरी भारत के औद्योगिक विकास में योगदान मिलेगा।
2. बुढ़वल-गोंडा कचहरी रेल परियोजना (उत्तर प्रदेश):
- लंबाई: 55.75 किलोमीटर।
- यह चौथी रेल लाइन परियोजना उत्तर प्रदेश के बाराबंकी, बहराइच और गोंडा जिलों में संपर्क सुविधा को मजबूत करेगी।
- परियोजना कोयला, सीमेंट, उर्वरक और इस्पात जैसे माल की आवाजाही में सुधार लाकर क्षेत्रीय संपर्क और लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ाएगी।
3. बाराबंकी-बहराइच एनएच-927 परियोजना:
- लंबाई: 101.54 किलोमीटर।
- परियोजना एनएच-27 भारत-नेपाल सीमा को बेहतर संपर्क सुविधा प्रदान करेगी।
- यह लखनऊ, श्रावस्ती एयरपोर्ट और उत्तर भारत के व्यापार को सुगम बनाएगी, यात्रा समय में कमी लाएगी और पर्यटन व उद्योगों को बढ़ावा देगी।
4. कानपुर-कबरई ग्रीनफील्ड राजमार्ग परियोजना (उत्तर प्रदेश):
- लंबाई: 118.8 किलोमीटर (4-लेन संरचना)।
- यह परियोजना कानपुर रिंग रोड को एनएच-35 से जोड़ेगी।
- परियोजना सात रेलवे स्टेशनों और तीन हवाई अड्डों को मल्टीमॉडल संपर्क से जोड़ेगी, जिससे कानपुर, हमीरपुर और महोबा जिलों में औद्योगिक विकास, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
5. सिंघाना-तितांवर ग्रीनफील्ड हाईवे परियोजना (राजस्थान):
- लंबाई: 40.725 किलोमीटर।
- यह एक्सेस-कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड हाईवे वर्तमान की सिंगल-टू-इंटरमीडिएट लेन रोड की चुनौतियों का समाधान करेगा।
- यह सीकर, नागौर, जोधपुर और दिल्ली के बीच माल ढुलाई व यात्री आवाजाही को बेहतर बनाएगा। इससे क्षेत्रीय व्यापार मजबूत होगा और राजस्थान, हरियाणा व दिल्ली में आर्थिक विकास को बल मिलेगा।
महत्वपूर्ण योगदान और उद्देश्य:
इन परियोजनाओं के पूरा होने पर:
- लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार होगा।
- यात्रा समय में कमी आएगी।
- अंतर-मॉडल कनेक्टिविटी को बल मिलेगा।
- आर्थिक और सामाजिक विकास को नई गति मिलेगी।
यह परियोजनाएं पीएम गति शक्ति के विजन के अनुरूप हैं, जो एकीकृत और सतत विकास के माध्यम से राष्ट्रीय अवसंरचना को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
