“गडकरी ने युवाओं और उच्च शिक्षा को जोड़ा भारत की आर्थिक प्रगति से“
नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 20वें फिक्की उच्च शिक्षा शिखर सम्मेलन 2025 में कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत उसका प्रशिक्षित, कुशल और प्रतिभाशाली युवा वर्ग है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि युवा शक्ति को संसाधनों और अवसरों से जोड़ा जाए, तो भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को जल्दी हासिल कर सकता है।
गडकरी ने शिक्षा और नवाचार आधारित अनुसंधान को देश की विकास प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा किसी भी देश के भविष्य की नींव होती है और इसे स्थानीय जरूरतों तथा संसाधनों के साथ जोड़ना आवश्यक है। विश्वविद्यालय और संस्थान अपने क्षेत्रों की आवश्यकताओं और उपलब्ध संसाधनों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा और अनुसंधान को स्थानीय विकास से जोड़ सकते हैं।
मंत्री ने अवसंरचना क्षेत्र में तकनीकी रिसर्च और उपकरण निर्माण की कमी की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि भारत में अब प्रतिदिन 40 किलोमीटर सड़क बन रही है, लेकिन टनल निर्माण और टनल बोरिंग मशीन जैसी विशेषज्ञता में अभी भी कमी है। उन्होंने स्वीडन, ज्यूरिख और जर्मनी जैसे देशों के उदाहरण दिए, जहां टनलिंग में विशेष संस्थान हैं।
गडकरी ने मलेशिया में हाल ही में विकसित एक नई निर्माण तकनीक का भी उल्लेख किया। इस तकनीक में पुल या मेट्रो निर्माण के दौरान पिलरों के बीच की दूरी बढ़ाकर 120 मीटर तक की जा सकती है, जिससे लागत में लगभग 25 प्रतिशत की बचत होती है। उन्होंने बताया कि इस तकनीक का चेन्नई मेट्रो प्रोजेक्ट में उपयोग करने से लगभग 15-20 हजार करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।
अंत में गडकरी ने उच्च शिक्षा संस्थानों से अपील की कि वे केवल डिग्री नहीं दें, बल्कि व्यावहारिक कौशल और नवाचार को भी बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास को तकनीकी अनुसंधान और स्किल आधारित शिक्षा से जोड़ने पर ही भारत तेजी से आगे बढ़ सकता है और वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभा सकता है।
