जीएसटी सुधारों से गुजरात को मिलेगा बड़ा आर्थिक लाभ, सस्ते होंगे घी, वस्त्र, हस्तशिल्प और औद्योगिक उत्पाद

जीएसटी सुधार 2025 से गुजरात के ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों को मिलेगा बड़ा लाभ

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए जीएसटी सुधार 2025 से गुजरात के ग्रामीण और औद्योगिक दोनों क्षेत्रों में व्यापक सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। राज्य के प्रमुख उद्योग जैसे डेयरी, वस्त्र, हस्तशिल्प, रसायन, सिरेमिक और हीरा उद्योग अब कम टैक्स दरों के कारण और मजबूत होंगे। इससे आवश्यक वस्तुएं सस्ती होंगी, पारंपरिक उद्योगों को राहत मिलेगी और निर्यात क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी।

डेयरी क्षेत्र में घी और मक्खन पर जीएसटी को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे कीमतों में लगभग 6-7% की कमी आएगी। उदाहरण के तौर पर, पहले ₹700 में मिलने वाला 1 किलो घी अब लगभग ₹40-45 सस्ता मिलेगा। इससे उपभोक्ताओं को राहत और ग्रामीण आय में वृद्धि होगी।

वस्त्र उद्योग को भी राहत मिली है। सूरत की जरी इंडस्ट्री में जरी बॉर्डर पर टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे करीब 1.25 से 1.5 लाख कामगारों, जिनमें 70% महिलाएं हैं, को सीधा लाभ होगा। साड़ियों की कीमतें 2-3% तक घटेंगी। कच्छ के जीआई टैग प्राप्त हस्तशिल्प उद्योग को भी लाभ होगा, जहां ₹3,500 की कढ़ाईदार शॉल पर टैक्स 420 रुपये से घटकर 175 रुपये रह गया है।

बांधनी (टाई-डाई) उद्योग के लिए 5% जीएसटी स्लैब की सीमा ₹2,500 तक बढ़ा दी गई है। संखेड़ा लकड़ी फर्नीचर और खंभात के अगेट स्टोन क्राफ्ट जैसे पारंपरिक उद्योगों पर भी टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे उत्पाद सस्ते होंगे और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उनकी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।

रासायनिक उद्योग में सल्फ्यूरिक एसिड और अमोनिया जैसे इनपुट्स पर जीएसटी को 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे लागत में 2-4% तक की कमी आएगी। यह उद्योग भारत के कुल उत्पादन का 60% हिस्सा रखता है और करीब 10 लाख लोगों को रोजगार देता है।

मोरबी के सिरेमिक उद्योग में भी उत्पादों की कीमतें 6-7% तक घटेंगी, जिससे घरेलू और निर्यात बाजारों में मांग बढ़ेगी। वहीं, सूरत के हीरा उद्योग में 25 सेंट तक के छोटे कटे और पॉलिश किए हीरों पर आईजीएसटी से छूट दी गई है, जिससे एमएसएमई निर्यातकों को राहत मिलेगी और उनकी पूंजी अटकेगी नहीं।

कुल मिलाकर, जीएसटी दरों में कमी से गुजरात के ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों में रोजगार, निर्यात और उपभोग में वृद्धि होगी। पारंपरिक उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी और राज्य समावेशी विकास तथा वैश्विक बाजार में मजबूत स्थिति की ओर बढ़ेगा।

Spread the love

More From Author

वर्ल्ड फूड इंडिया में 1 लाख करोड़ से अधिक के निवेश समझौते

पीएम मोदी ने जयपुर एसएमएस अस्पताल में आग लगने से हुई जान-माल की हानि पर जताया दुख

Recent Posts