“हिमाचल में बढ़ता नशा चिंता का विषय, सभी को एकजुट होकर लड़ने की जरूरत: कुलदीप सिंह राठौर“
शिमला: हिमाचल प्रदेश में नशे का बढ़ता प्रभाव एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। इस मुद्दे पर पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि समाज के हर वर्ग और सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर नशे के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते नशे पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो यह युवा पीढ़ी और प्रदेश के भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
नशा युवाओं को कर रहा बर्बाद
कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि हिमाचल में नशे की लत तेजी से युवाओं को अपनी चपेट में ले रही है। खासतौर पर चिट्टा (सिंथेटिक ड्रग्स), चरस और अफीम जैसी नशीली चीजों का कारोबार बढ़ रहा है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि स्कूलों और कॉलेजों में भी नशे की पहुंच बढ़ गई है, जो बेहद खतरनाक संकेत है।
राजनीतिक मतभेद छोड़कर एकजुट होने की जरूरत
उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई किसी एक दल की नहीं, बल्कि पूरे समाज की है। इसके लिए सरकार, विपक्ष, प्रशासन और सामाजिक संगठनों को एकजुट होकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा। राठौर ने कहा कि राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर सभी नेताओं को इस गंभीर मुद्दे पर एक मंच पर आना चाहिए और नशे के खिलाफ कठोर कानूनों को सख्ती से लागू करने पर जोर देना चाहिए।
समाज की भागीदारी भी जरूरी
उन्होंने कहा कि नशे को खत्म करने के लिए समाज के हर व्यक्ति की भागीदारी आवश्यक है। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों पर विशेष ध्यान दें और यदि उन्हें कोई संदेह होता है, तो वे तुरंत उचित कदम उठाएं। इसके अलावा, स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाने, पंचायत स्तर पर नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करने और नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।
प्रशासन और पुलिस को और सख्त कदम उठाने होंगे
राठौर ने प्रशासन और पुलिस से अपील की कि नशे के सौदागरों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और ड्रग माफिया के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि नशे के व्यापार को जड़ से खत्म करना है, तो बड़े नेटवर्क तक पहुंचना होगा।