“मामलों के उद्भेदन की गति को और तेज करने का निर्देश“
वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए उद्भेदन प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया है। बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि गंभीर अपराधों की जांच में कोई भी ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही, मामलों के त्वरित समाधान के लिए तकनीकी संसाधनों और आधुनिक उपकरणों का अधिकतम उपयोग करने पर जोर दिया गया।
बैठक में अधिकारियों को लंबित मामलों की सूची प्रस्तुत करने के साथ-साथ प्रत्येक केस की प्रगति रिपोर्ट पर भी चर्चा की गई। निर्देश दिए गए कि साक्ष्यों का गहन विश्लेषण, गवाहों के बयान और फॉरेंसिक जांच के माध्यम से मामलों को जल्द से जल्द सुलझाया जाए।
आपराधिक मामलों के शीघ्र समाधान पर जोर
अधिकारियों ने कहा कि अपराधों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस को प्रोएक्टिव तरीके से काम करने की आवश्यकता है। खासतौर पर, महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराधों के मामलों को शीघ्र निपटाने और पीड़ितों को समय पर न्याय दिलाने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
सभी पुलिस थानों को निर्देश दिए गए कि प्रत्येक लंबित मामले की समीक्षा कर उसकी स्थिति रिपोर्ट तैयार करें और निर्धारित समय सीमा में मामलों का समाधान सुनिश्चित करें। जांच अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है कि वे साक्ष्य एकत्रित करने में तेजी लाएं और आरोपियों की गिरफ्तारी में तेजी से कार्रवाई करें।
तकनीकी संसाधनों के इस्तेमाल पर जोर
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि मामलों की जांच में डिजिटल फॉरेंसिक, सीसीटीवी फुटेज, और साइबर क्राइम डिटेक्शन जैसे तकनीकी संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जाए। इससे न केवल उद्भेदन की गति बढ़ेगी, बल्कि मामलों में सटीकता और पारदर्शिता भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
जनता का विश्वास बढ़ाने की पहल
प्रशासन ने कहा कि मामलों के त्वरित समाधान से जनता का पुलिस पर विश्वास बढ़ेगा और अपराधियों के मनोबल में गिरावट आएगी। अधिकारियों ने कहा कि सुधारात्मक कदम उठाकर कानून व्यवस्था को और सशक्त बनाया जाएगा।
इस निर्देश के बाद सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को साप्ताहिक समीक्षा बैठक करने और जांच की स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया गया है।