दुर्लभ खनिज मैग्नेट संकट के कारण परिचालन में कोई व्यवधान नहीं: मारुति सुजुकी इंडिया

“मारुति सुजुकी ने दुर्लभ खनिज संकट पर दी सफाई, ई-विटारा लॉन्च पर कोई असर नहीं”


मारुति सुजुकी इंडिया ने स्पष्ट किया है कि चीन द्वारा दुर्लभ खनिज मैग्नेट पर लगाए गए निर्यात प्रतिबंध के बावजूद, उसके उत्पादन और परिचालन में अभी तक कोई व्यवधान नहीं आया है। कंपनी की आगामी इलेक्ट्रिक एसयूवी ई-विटारा, जो सितंबर के अंत तक लॉन्च होने की संभावना है, उसकी तैयारियों पर भी इस संकट का तत्काल प्रभाव नहीं पड़ा है।

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा,

“हम स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं और अपने परिचालन में निरंतरता बनाए रखने के लिए विकल्पों पर काम कर रहे हैं। फिलहाल कोई भौतिक प्रभाव नहीं पड़ा है, लेकिन यदि भविष्य में पड़ता है तो हम सभी हितधारकों को समय पर सूचित करेंगे।”

दुर्लभ खनिज संकट और भारत का ऑटो सेक्टर
दुर्लभ खनिज मैग्नेट, विशेषकर इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग होने वाले मोटर्स के लिए अनिवार्य होते हैं। चीन इस क्षेत्र में वैश्विक आपूर्ति का बड़ा हिस्सा नियंत्रित करता है। अप्रैल 2025 में चीन ने सात दुर्लभ तत्वों और तैयार मैग्नेट पर निर्यात लाइसेंस अनिवार्य कर दिए हैं, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अनिश्चितता बढ़ी है।

क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट बताती है कि यदि यह संकट एक महीने से अधिक चला, तो यह ईवी लॉन्च में देरी, उत्पादन में बाधा और सेक्टर की विकास दर पर असर डाल सकता है।

सरकार और कंपनियों की रणनीति:
भारत सरकार और वाहन निर्माता दो स्तरों पर काम कर रहे हैं—

  • अल्पकालिक रणनीति: वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं से संपर्क, रणनीतिक स्टॉक बनाना, और पीएलआई योजनाओं के तहत घरेलू असेंबली को बढ़ावा देना।
  • दीर्घकालिक रणनीति: आयात निर्भरता कम करना, घरेलू उत्पादन क्षमताएं विकसित करना, और दुर्लभ खनिजों के रीसाइक्लिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करना।

निष्कर्ष:
मारुति सुजुकी ने फिलहाल किसी भी उत्पादन संकट से इनकार किया है, लेकिन बदलती वैश्विक आपूर्ति स्थितियों को देखते हुए सतर्कता बनाए रखी है। भारत का ऑटो सेक्टर अब सिर्फ उत्पादन ही नहीं, बल्कि रणनीतिक खनिजों की उपलब्धता पर भी फोकस कर रहा है, ताकि ईवी क्रांति की रफ्तार धीमी न हो।


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