“सस्टेनेबल कंस्ट्रक्शन को बढ़ावा देने की जरूरत: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल“
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को निर्माण क्षेत्र से जुड़े उद्योगों से अपील की कि वे सस्टेनेबिलिटी को प्राथमिकता दें और क्लीन व ग्रीन कंस्ट्रक्शन की दिशा में ठोस कदम उठाएं। उन्होंने भूकंपरोधी और मॉड्यूलर इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने की बात भी कही।
राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित “वाइब्रेंट बिल्डकॉन 2025” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री गोयल ने कहा, “भारत को दुनिया के लिए नवाचार, समावेशी विकास और सतत वृद्धि का नेतृत्व करना है। इसके लिए हमें साहसिक लक्ष्य निर्धारित करने होंगे और यह भी सुनिश्चित करना होगा कि श्रमिकों को उचित वेतन मिले तथा सतत नवाचार होते रहें।”
बिल्डकॉन प्लेटफॉर्म को बताया निवेश और लॉजिस्टिक्स सुधार का माध्यम
उन्होंने “वाइब्रेंट बिल्डकॉन” को देश की इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह मंच न केवल वैश्विक निवेश को आकर्षित करता है, बल्कि लॉजिस्टिक लागत को कम करने में भी अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने हाउसिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, कमर्शियल रियल एस्टेट, रेलवे, एयरपोर्ट्स, हाईवे और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों के महत्व को रेखांकित किया।
‘मेक इन इंडिया’ से निर्माण क्षेत्र को नई गति
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वैश्विक क्षमता केंद्रों से लेकर घरेलू निर्माण तक, हर स्तर पर ‘मेक इन इंडिया’ के तहत मजबूत इकोसिस्टम बन रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि निर्माण से जुड़े हर घटक—चाहे वह सीमेंट हो, बिजली उपकरण हों या सुरक्षा और ऑटोमेशन सिस्टम—इस विकास यात्रा में योगदान दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश ने कठिन समय में भी विकास नहीं रोका
मंत्री गोयल ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “महामारी के दौर में भी भारत मंडपम और यशोभूमि जैसे विश्व स्तरीय सम्मेलन केंद्रों का निर्माण हुआ, जो इस बात का प्रमाण है कि देश ने कठिन समय में भी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को नहीं रोका।”
उन्होंने अंत में कहा कि वर्तमान में भारत 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है, और लक्ष्य है कि 2047 तक इसे 30 से 35 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाया जाए। इसके लिए प्रत्येक नागरिक को योगदान देना आवश्यक है।