बेंगलुरु में अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन में राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा- महिलाएं बड़े सपने देखें और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बेंगलुरु में 10वें अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन का उद्घाटन किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बेंगलुरु में आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर द्वारा आयोजित 10वें अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने, साहस जुटाने, बड़े सपने देखने और अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रेरित किया।

स्वागत और उद्घाटन समारोह

राष्ट्रपति मुर्मु के बेंगलुरु आगमन पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) हवाई अड्डे पर कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस कार्यक्रम में कर्नाटक सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।

महिलाओं को आत्मनिर्भरता और साहस का संदेश

अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि बाधाओं को तोड़ना और रूढ़ियों को चुनौती देना बिना मानसिक शक्ति के संभव नहीं है। उन्होंने कहा,

“हर महिला को साहस जुटाना चाहिए, बड़े सपने देखने चाहिए और अपनी पूरी ताकत और क्षमता का उपयोग कर अपने लक्ष्यों को साकार करना चाहिए। महिलाओं के हर छोटे कदम से भारत और दुनिया के विकास की दिशा में बड़ा योगदान होगा।”

तकनीकी प्रगति और मानवीय मूल्यों पर जोर

राष्ट्रपति मुर्मु ने तकनीकी प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि यह जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बना रही है, लेकिन इसके साथ ही मानवीय मूल्यों को बनाए रखना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा,

“करुणा, प्रेम और एकता को बढ़ावा देने के लिए हर व्यक्ति को अतिरिक्त प्रयास करने की जरूरत है। महिलाओं की भूमिका इस संदर्भ में अहम हो जाती है, क्योंकि उनमें करुणा के साथ नेतृत्व करने की विशेष क्षमता होती है। वे परिवार, समाज और पूरी दुनिया के कल्याण के लिए सोच सकती हैं और कार्य कर सकती हैं।”

मानसिक स्वास्थ्य और महिलाओं की चुनौतियाँ

राष्ट्रपति ने मानसिक स्वास्थ्य को महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण विषय बताया। उन्होंने कहा कि महिलाएं व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा, सामाजिक अपेक्षाओं और व्यक्तिगत इच्छाओं के बीच संतुलन बनाने में संघर्ष करती हैं। उन्होंने कहा,

“कई बार सामाजिक नियमों और परंपराओं के कारण महिलाएं अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त नहीं कर पातीं। मानसिक स्वास्थ्य किसी भी महिला के लिए अर्थपूर्ण जीवन जीने और समाज में योगदान देने की बुनियाद है।”

सम्मेलन का उद्देश्य और प्रभाव

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि ऐसे सम्मेलन यह एहसास कराते हैं कि इंसान अकेला नहीं बल्कि इस दुनिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने विश्वास जताया कि सम्मेलन में भाग लेने वाली महिलाएं आध्यात्मिक सिद्धांतों को अपनाएंगी, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा और वे समाज के विकास में योगदान देंगी।

सम्मेलन में मौजूद गणमान्य व्यक्ति

इस कार्यक्रम में कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्णा बैरे गौड़ा, मुख्य सचिव डॉ. शालिनी रजनीश, एयर मार्शल नागेश कपूर, लेफ्टिनेंट जनरल जे. के. गेरा, कर्नाटक के डीजीपी आलोक मोहन, बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी. दयानंद और जिला कलेक्टर जगदीश जी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

निष्कर्ष

इस अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन ने महिलाओं को सशक्तिकरण, आत्मनिर्भरता और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया। राष्ट्रपति मुर्मु के प्रेरणादायक शब्दों ने महिलाओं को सशक्त बनने और समाज में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। इस आयोजन से महिलाओं को नए विचारों, आत्मविश्वास और प्रेरणा की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिला।

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