“बिहार में जहरीली शराब कांड: तीन जिलों में 53 मौतों का कहर“
बिहार के तीन जिलों – सारण, सीवान और गोपालगंज – में जहरीली शराब का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार तक 30 मरीजों का अस्पताल में इलाज के बाद घर भेजा गया, लेकिन 24 और मौतों की पुष्टि हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं और तस्करों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।
16 गांवों में जहरीली शराब का प्रभाव
सीवान में विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने अब तक 10 शराब तस्करों को गिरफ्तार किया है। जिला प्रशासन ने मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम कर बिसरा संरक्षित कर लिया है, जिसे साइंस लैब में जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, सीवान और सारण के 16 गांव जहरीली शराब से सबसे अधिक प्रभावित हैं। वहीं गोपालगंज में भी दो लोगों की मौत की खबर है।
सरकार का रुख और विवादित बयान
मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री रत्नेश सदा ने शराबबंदी पर सवाल उठाने वालों पर नाराजगी जताई और तर्क दिया कि अपराधों को रोकने के लिए सजा का प्रावधान होने के बावजूद घटनाएं होती हैं। उन्होंने कहा कि शराब माफिया पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी को सख्ती से लागू करने की बात दोहराई है।
विपक्ष का हमला
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जहरीली शराब कांड को सत्ता संरक्षण का परिणाम बताते हुए कहा कि राज्य में हर चौक-चौराहे पर शराब आसानी से उपलब्ध है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि माफिया, पुलिस और सत्ताधारी नेताओं के गठजोड़ के कारण यह त्रासदी हो रही है।
यह कांड न केवल शराबबंदी की विफलता को उजागर करता है, बल्कि सरकार की नीतियों और उनके क्रियान्वयन पर भी सवाल खड़े करता है।