उत्तराखंड : यूसीसी को लेकर भाजपा- कॉग्रेस आमने सामने

“उत्तराखंड में जल्द लागू हो सकता है समान नागरिक संहिता (यूसीसी)”

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने की संभावनाओं को लेकर चर्चा तेज हो गई है। राज्य सरकार की ओर से इस दिशा में पहले ही महत्वपूर्ण कदम उठाए जा चुके हैं, और इसे जल्द लागू किए जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

यूसीसी पर सरकार की तैयारी

उत्तराखंड सरकार ने पहले ही विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया है, जिसे यूसीसी का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। समिति ने समाज के विभिन्न वर्गों से विचार-विमर्श कर अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। अब सरकार इसे लागू करने की योजना बना रही है।

क्या है समान नागरिक संहिता?

समान नागरिक संहिता का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, संपत्ति, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे मुद्दों पर समान कानून लागू करना है, चाहे उनकी जाति, धर्म, या क्षेत्र कुछ भी हो।

सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया

यूसीसी को लेकर राज्य में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ समूह इसे समानता और एकता की दिशा में सकारात्मक कदम मानते हैं, जबकि कुछ लोग इसे लेकर सवाल भी उठा रहे हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव

अगर उत्तराखंड में यूसीसी लागू होता है, तो यह देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है। इससे समाज में समानता और एकरूपता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा सकता है।

सरकार की इस पहल पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह राज्य और देश दोनों के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय हो सकता है।

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