आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी ने हाल ही में मुख्यमंत्री पद का पदभार संभाला, लेकिन उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कुर्सी पर बैठने से इंकार कर दिया। यह निर्णय राजनीतिक circles में चर्चा का विषय बन गया है।
आतिशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “यह कुर्सी सिर्फ एक पद का प्रतीक नहीं है, बल्कि इसकी अपनी एक पहचान और जिम्मेदारी है। मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं इस कुर्सी पर नहीं बैठूंगी, क्योंकि मैं इस भूमिका को एक नए तरीके से देखना चाहती हूं।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम उन मूल्यों का सम्मान करने के लिए है जिनके लिए AAP खड़ी है। आतिशी ने जनता से जुड़ने और उनके मुद्दों को समझने पर जोर दिया। उनका मानना है कि इस निर्णय से वह अपनी व्यक्तिगत पहचान और नेतृत्व शैली को स्पष्ट कर पाएंगी।
आतिशी का यह कदम उन नेताओं के लिए एक संदेश है जो सत्ता के प्रतीकों को महत्व देते हैं। उन्होंने यह दर्शाने का प्रयास किया है कि नेतृत्व केवल कुर्सी पर बैठने से नहीं, बल्कि लोगों की सेवा और उनकी आवश्यकताओं को समझने से आता है।
इस तरह, आतिशी का यह निर्णय न केवल उनके लिए, बल्कि AAP के लिए भी एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है, जिससे पार्टी की नीतियों और दृष्टिकोण में बदलाव की संभावना बढ़ती है।