“संसद में गतिरोध के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत”
संसद में गुरुवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच जोरदार टकराव देखने को मिला। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के अपमान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप इतना बढ़ गया कि मामला पुलिस स्टेशन तक पहुंच गया। दोनों पक्षों ने संसद के बाहर कथित हाथापाई और दुर्व्यवहार के आरोप में एक-दूसरे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
भाजपा ने राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत
भाजपा की ओर से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा सांसदों के साथ धक्का-मुक्की की, जिसके चलते दो भाजपा सांसद घायल हो गए। अनुराग ठाकुर ने बांसुरी स्वराज और हेमांग जोशी के साथ संसद मार्ग थाने में राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 109, 115, 117, 125, 131 और 351 के तहत मामले दर्ज करने की मांग की गई।
अनुराग ठाकुर ने मीडिया को बताया कि शांतिपूर्ण विरोध के दौरान राहुल गांधी ने उन्हें और अन्य सांसदों को धक्का दिया। उनके मुताबिक, मुकेश राजपूत सिर के बल गिर गए और प्रताप चंद्र सारंगी के सिर में गंभीर चोट आई। अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी का यह व्यवहार संसदीय गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला है और उन्होंने इसे “कानून का उल्लंघन” बताया।
कांग्रेस ने भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत
वहीं, कांग्रेस ने भी भाजपा के सांसदों के खिलाफ मल्लिकार्जुन खरगे के साथ दुर्व्यवहार की शिकायत संसद मार्ग थाने में दर्ज कराई। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी, दिग्विजय सिंह, मुकुल वासनिक और राजीव शुक्ला ने पुलिस को बताया कि 84 वर्षीय दलित नेता मल्लिकार्जुन खरगे के साथ धक्का-मुक्की और अभद्र व्यवहार किया गया।
कांग्रेस के नेता प्रमोद तिवारी ने मीडिया से कहा कि यह घटना अमानवीय है और भाजपा सांसदों ने मल्लिकार्जुन खरगे का अपमान किया। कांग्रेस ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर इस घटना की जांच की मांग की है।
विवाद की शुरुआत
यह विवाद गृह मंत्री अमित शाह के बयान से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर बार-बार बी.आर. अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया। अमित शाह ने राज्यसभा में कहा, “अगर उन्होंने भगवान का नाम इतनी बार लिया होता, तो उन्हें स्वर्ग में जगह मिल जाती।” इस बयान पर विपक्ष ने कड़ी निंदा की और इसे बाबा साहेब के अपमान से जोड़ा। वहीं, भाजपा का कहना है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।
संसद में हुए इस घटनाक्रम के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तनाव गहरा गया है, जिसके चलते यह विवाद अब संसदीय गलियारों से निकलकर पुलिस थाने तक पहुंच गया है।
