“धर्मशाला में शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन: संस्थान बंद करने पर हंगामा और विपक्ष का वॉकआउट“
धर्मशाला में शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सदन में भारी हंगामा हुआ। प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने संस्थानों को बंद करने का मुद्दा उठाया, जिस पर एक घंटे तक चर्चा चली। मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने सरकार पर आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार ने अपने कार्यकाल में 1865 संस्थान और 1094 स्कूल बंद कर दिए। उन्होंने कहा कि पहाड़ी इलाकों में कम छात्रसंख्या वाले स्कूलों को बंद करना अनुचित है और इससे बच्चों की पढ़ाई पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि देशभर में कम छात्रसंख्या वाले स्कूल बंद हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में 76,000 स्कूल देशभर में बंद किए गए हैं। हिमाचल में स्कूलों को बंद करने का निर्णय शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के उद्देश्य से लिया गया है।
महंगाई भत्ते और वन टाइम सेटलमेंट पर चर्चा
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों को 42% महंगाई भत्ता दे रही है, जबकि केंद्र सरकार की ओर से 53% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 1,03,248 कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ दिया गया है।
वन टाइम सेटलमेंट पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 लाख रुपये से अधिक के कर्ज वाले मामलों पर भी विचार किया जाएगा। सहकारी बैंकों और राज्य कृषि सहकारी बैंक में इस नीति को लागू करने के लिए आरबीआई और नाबार्ड के दिशा-निर्देशों पर काम किया जा रहा है।
नशा विरोधी अभियान
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में नशाखोरी से जुड़े 5332 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें 8004 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और 5554 को जेल भेजा गया है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से एनडीपीएस एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव दिया है ताकि नशे के व्यापार में शामिल अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
आउटसोर्स कर्मियों की स्थिति
सरकारी विभागों और उपक्रमों में 19,594 आउटसोर्स कर्मी कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सेवा शर्तों को सुरक्षित रखने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सरकार के विचाराधीन प्रस्ताव में इन कर्मियों के लिए एक अलग निगम या एजेंसी की स्थापना का प्रावधान नहीं है।
स्कूल और अन्य संस्थानों की बंदी
प्रदेश में विभिन्न विभागों के 1865 संस्थान बंद किए गए हैं। इनमें प्रारंभिक शिक्षा के 1094 स्कूल, स्वास्थ्य विभाग के 257, उच्चतर शिक्षा विभाग के 91 और अन्य विभागों के संस्थान शामिल हैं। शिक्षा मंत्री ने बताया कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र जुब्बल-कोटखाई में भी 19 स्कूल बंद किए हैं।
सत्ता और विपक्ष की तीखी नोकझोंक
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि वे “समोसे और मुर्गे की राजनीति” में लगे हुए हैं, जबकि सरकार विकास में विश्वास करती है। वहीं, विपक्ष ने सरकार के फैसलों को जनविरोधी करार दिया और शिक्षा व संस्थान बंद करने जैसे मुद्दों पर कड़ा विरोध जताया।
इस हंगामे भरे सत्र ने राज्य की शिक्षा और सामाजिक नीति को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच गहरे मतभेदों को उजागर किया।
