“भारतीय सेना का त्रिशक्ति कोर लाइव फायरिंग अभ्यास सफलतापूर्वक संपन्न“
सिक्किम/सिलीगुड़ी, 03 मार्च: भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर ने सिक्किम और सिलीगुड़ी कॉरिडोर की रक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से एक महीने तक चलने वाले लाइव फायरिंग अभ्यास को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य सेना की युद्ध क्षमता को बढ़ाना और बख्तरबंद युद्ध रणनीतियों को परखना था।
आधुनिक तकनीकों के साथ युद्ध अभ्यास
इस युद्धाभ्यास में सेना ने नवीनतम हथियारों और सैन्य तकनीकों का उपयोग किया, जिससे उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेना की तैयारियों को और मजबूत किया गया। अभ्यास के दौरान भारतीय सेना के सबसे आधुनिक T-90 टैंकों का उपयोग किया गया।
T-90 टैंक की विशेषताएं और युद्धक क्षमता
- उन्नत फायर कंट्रोल सिस्टम और बेहतर गतिशीलता से लैस।
- एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) दागने में सक्षम, जिससे यह दुश्मन के बख्तरबंद वाहनों को दूर से ही नष्ट कर सकता है।
- थर्मल इमेजिंग और आधुनिक सेंसर तकनीक, जिससे रात और प्रतिकूल मौसम में भी युद्ध संचालन संभव।
- हवाई निगरानी और ड्रोन तकनीक के साथ तालमेल, जिससे लक्ष्यों की सटीक पहचान और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित होती है।
अभ्यास के प्रमुख बिंदु
- सटीक हमले की क्षमता का परीक्षण
- उन्नत गोला-बारूद और गाइडेड मिसाइलों का उपयोग
- ड्रोन और सैन्य उपकरणों के बीच समन्वय बढ़ाना
- ऊंचाई वाले क्षेत्रों में युद्ध रणनीतियों का परिक्षण
- ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत स्वदेशी रक्षा उपकरणों का उपयोग
सेना की आधुनिकीकरण की दिशा में बड़ा कदम
एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा, “इस अभ्यास का उद्देश्य चुनौतीपूर्ण इलाकों में हमारी बख्तरबंद युद्ध क्षमता को परखना और सुधारना था। T-90 टैंकों के साथ आधुनिक निगरानी तकनीकों का तालमेल हमारी युद्ध तैयारियों को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है। सैनिकों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिससे यह साबित होता है कि भारतीय सेना हर स्थिति में पूरी तरह तैयार है।”
क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास
यह अभ्यास भारतीय सेना की आधुनिकीकरण नीति और क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय सेना नई तकनीकों, स्वदेशी नवाचारों और बदलती युद्ध रणनीतियों के माध्यम से अपनी युद्ध क्षमता को लगातार बढ़ा रही है, ताकि देश को हर प्रकार के सुरक्षा खतरे से बचाया जा सके।
