“ईडी की छापेमारी पर अरुण साव का बयान, भूपेश बघेल के कार्यकाल में घोटालों का आरोप“
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा छापेमारी के बाद, राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने सवाल उठाया कि कोई कैसे इनकार कर सकता है कि भूपेश बघेल के कार्यकाल के दौरान बड़े घोटाले हुए थे। उनका कहना था कि ईडी की कार्रवाई अचानक नहीं थी, बल्कि यह लंबे समय से चल रही जांच का हिस्सा है।
ईडी ने सोमवार को भिलाई के पदुम नगर इलाके में भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के आवास पर छापेमारी की। केंद्रीय जांच एजेंसी ने राज्य भर के करीब 14 स्थानों पर कार्रवाई की, जिनमें कुछ स्थान चैतन्य बघेल से जुड़े थे। यह छापेमारी कथित शराब घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई थी, जिसमें ईडी ने आरोप लगाया है कि चैतन्य बघेल ने शराब घोटाले से अर्जित की गई आय प्राप्त की है।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि यह जांच लंबे समय से चल रही थी और इसमें कई तथ्यों और संदेहों के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। उनका कहना था कि अगर किसी व्यक्ति का इसमें कोई संबंध नहीं है, तो उसे घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
ईडी ने आरोप लगाया है कि सरकारी अधिकारियों, राजनेताओं और शराब कारोबारियों के एक समूह ने 2019 से 2022 के बीच राज्य में शराब की बिक्री से अवैध रूप से लगभग 2,161 करोड़ रुपए एकत्र किए। इस घोटाले में शराब की सप्लाई चेन में हेरफेर और सरकारी दुकानों के माध्यम से शराब की बिक्री और वितरण को नियंत्रित करने की योजना शामिल थी।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल के कार्यालय ने भी इस छापेमारी पर प्रतिक्रिया दी और इसे एक षड्यंत्र करार दिया। उन्होंने दावा किया कि झूठे मामलों को अदालत में बर्खास्त किया गया था, लेकिन फिर भी ईडी ने आज सुबह पूर्व मुख्यमंत्री के भिलाई स्थित आवास पर छापेमारी की।
