“जून में भारत की विनिर्माण गतिविधि 14 महीने के उच्चतम स्तर पर, अंतरराष्ट्रीय मांग और रोजगार में रिकॉर्ड वृद्धि“
भारत की विनिर्माण गतिविधि ने जून 2025 में नया मुकाम हासिल किया है। एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मई के 57.6 से बढ़कर जून में 58.4 हो गया, जो 14 महीनों का उच्चतम स्तर है। यह संकेत देता है कि विनिर्माण क्षेत्र में मजबूती से सुधार हो रहा है।
अंतरराष्ट्रीय मांग में ऐतिहासिक तेजी
सर्वे के अनुसार, 20 साल से अधिक के डेटा में पहली बार कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर में इतनी तेज वृद्धि दर्ज की है। विशेष रूप से अमेरिका से मजबूत मांग देखने को मिली, जिसने निर्यात ऑर्डर में तेजी लाई।
उत्पादन और खरीद में तेज़ी
- अप्रैल 2024 के बाद से सबसे तेज उत्पादन वृद्धि जून में दर्ज की गई, जो बेहतर मांग, दक्षता और बिक्री की वजह से रही।
- इनपुट खरीदारी में 14 महीनों की सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई, जिससे स्टॉक स्तर में भी विस्तार हुआ।
रोजगार में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
- जून में रोजगार सृजन रिकॉर्ड स्तर पर रहा। अधिकांश कंपनियों ने शॉर्ट-टर्म भर्तियों की रिपोर्ट की।
- मजबूत बिक्री और बैकलॉग के कारण कंपनियों को नई भर्तियां करनी पड़ीं।
कीमतों और लागत का असर
- इनपुट लागत में वृद्धि चार महीने के निचले स्तर पर रही, जबकि औसत बिक्री मूल्य में तेज़ बढ़ोतरी देखी गई। कई कंपनियों ने माल ढुलाई, श्रम और सामग्री की लागत ग्राहकों पर स्थानांतरित की।
विशेषज्ञ की राय
एचएसबीसी की भारत प्रमुख अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा:
“मजबूत वैश्विक मांग ने उत्पादन, ऑर्डर और रोजगार में तेजी लाई है। हालांकि, इससे इन्वेंट्री में कटौती करनी पड़ी और तैयार माल का स्टॉक कम हुआ है।”
समग्र परिदृश्य
- भारतीय विनिर्माण क्षेत्र का जून में व्यापक रूप से सकारात्मक प्रदर्शन रहा।
- हालांकि प्रतिस्पर्धा, मुद्रास्फीति और उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव जैसी अनिश्चितताएं अभी भी बनी हुई हैं।
