“मराठा मिलिट्री लैंडस्केप’ को यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में मिला स्थान”
भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को एक नई पहचान मिली है, जब यूनेस्को ने ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप’ यानी मराठा सैन्य परिदृश्य को अपनी विश्व धरोहर सूची में शामिल किया। इस ऐतिहासिक मान्यता में 12 किले शामिल हैं, जिनमें से 11 महाराष्ट्र और 1 तमिलनाडु में स्थित हैं। यह भारत की 44वीं संपत्ति है जिसे यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने मराठा साम्राज्य को सुशासन, सैन्य कौशल, सांस्कृतिक गरिमा और सामाजिक कल्याण का प्रतीक बताया और सभी देशवासियों से इन किलों को देखने का आह्वान किया।
यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त इन किलों में रायगढ़, शिवनेरी, तोरणा, लोहगढ़, साल्हेर जैसे ऐतिहासिक स्थल शामिल हैं, जो मराठा वीरता और रणनीति की गौरवशाली गाथा को दर्शाते हैं। ये किले 17वीं से 19वीं सदी के बीच बनाए गए थे और इनमें स्थापत्य कला के साथ-साथ पर्यावरण के साथ संतुलन का सुंदर उदाहरण देखने को मिलता है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी इस उपलब्धि को भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान के लिए महत्वपूर्ण बताया। शेखावत ने कहा कि यह मराठा साम्राज्य की वास्तुकला और रणनीतिक कौशल की उत्कृष्टता को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने वाला क्षण है।
