“अमरनाथ यात्रा में फंसे यात्रियों को भारतीय सेना ने किया सुरक्षित रेस्क्यू“
जम्मू-कश्मीर के ऊंचे इलाकों में बुधवार शाम हुई भारी बारिश और भूस्खलन के कारण अमरनाथ यात्रा अस्थायी रूप से बाधित हो गई। रायलपथरी और ब्रारीमार्ग के बीच स्थित जेड मोड़ पर शाम करीब 7:15 बजे बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ, जिससे सैकड़ों तीर्थयात्री बीच रास्ते में फंस गए।
घटना की जानकारी मिलते ही भारतीय सेना की ब्रारीमार्ग टुकड़ी को तुरंत मौके पर तैनात किया गया। सेना के जवानों ने राहत कार्य शुरू करते हुए करीब 500 यात्रियों को सेना के टेंटों में सुरक्षित ठहराया, जहां उन्हें चाय और पीने का पानी भी मुहैया कराया गया।
राहत और सहायता:
- करीब 3,000 अन्य यात्रियों ने ब्रारीमार्ग और जेड मोड़ के बीच लंगरों में शरण ली
- लंगरों में यात्रियों को भोजन, आश्रय और आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान की गई
साहसिक बचाव:
एक गंभीर रूप से बीमार यात्री रायलपथरी के दो भूस्खलन स्थलों के बीच फंसा हुआ था। सेना की क्विक रिएक्शन टीम (QRT) ने जोखिमपूर्ण परिस्थितियों में मैन्युअल स्ट्रेचर के माध्यम से उस यात्री को सुरक्षित बाहर निकाला और उसे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया।
अधिकारी मौके पर मौजूद:
- ब्रारीमार्ग के कैंप डायरेक्टर
- सेना के कंपनी कमांडर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी
वर्तमान स्थिति:
भारतीय सेना ने जानकारी दी है कि स्थिति अब नियंत्रण में और स्थिर है। हालांकि, क्षेत्र में हल्की बारिश जारी है, जिसके चलते सेना के जवान हाई अलर्ट पर बने हुए हैं।
सेना की मानवीय भूमिका:
यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि भारतीय सेना सिर्फ एक सुरक्षा बल नहीं, बल्कि आपदा के समय संवेदनशीलता और तत्परता का प्रतीक है। अमरनाथ यात्रा के दौरान सेना यात्रियों को न केवल सुरक्षा दे रही है, बल्कि हर परिस्थिति में जीवन रक्षक सहायता भी प्रदान कर रही है।
भारतीय सेना की यह त्वरित कार्रवाई देश के प्रति उसकी प्रतिबद्धता और जिम्मेदारी को दर्शाती है – हर संकट में देशवासियों के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ी रहने वाली एक अडिग शक्ति।
