“बस्तर में नक्सलवाद का पतन: आत्मसमर्पण की ओर माओवादियों का बढ़ता रुझान”
मुख्य बिंदु:
- बस्तर संभाग में ₹2.54 करोड़ के इनामी 66 माओवादियों का आत्मसमर्पण।
- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बयान: “नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में है।”
- राज्य सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति बनी बदलाव की मुख्य वजह।
- 18 महीनों में 1500+ माओवादी कैडर ने मुख्यधारा में वापसी की।
- नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शांति और विकास की नई लहर।
संक्षिप्त सार:
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की रणनीति रंग ला रही है। आत्मसमर्पण कर रहे माओवादियों की बढ़ती संख्या बताती है कि अब हथियार छोड़कर लोग शांति और पुनर्निर्माण की ओर अग्रसर हैं। यह कहानी बस्तर में बदलते सामाजिक-सुरक्षात्मक माहौल और सकारात्मक सरकारी प्रयासों का प्रतीक है।
