“सहकारिता से उद्यमी महिलाओं को मिल रहा संबल”
एंकर
केन्द्र सरकार सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही है। उपराजधानी दुमका की महिलाएं भी स्वयं सहायता समूह बनाकर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं और दीदी बैंक का संचालन कर रही हैं।
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दुमका की महिलाएं “आजीविका ग्रामीण महिला संगठन” स्वयं सहायता समूह से जुड़कर आर्थिक गतिविधियों में सक्रिय हैं। समूह की पंचायत समन्वयक मरियम मरांडी ने बताया कि इन समूहों से जुड़ने पर महिलाओं को आजीविका सुधारने के लिए आर्थिक सहयोग मिलता है।
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समूह से जुड़कर महिलाएं दीदी की दुकान, बकरी पालन, मुर्गीपालन और बागवानी जैसे स्वरोज़गार कर आर्थिक उन्नति कर रही हैं। मरियम मरांडी के अनुसार, उनके निर्देशन में दो पंचायतों की लगभग तीन हजार महिलाएं समूहों से जुड़कर आय अर्जित कर रही हैं।
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संगठन की सदस्य मंजू देवी ने बताया कि वे 12 स्वयं सहायता समूहों का संचालन करती हैं और अब तक 167 महिलाओं को समूह से जोड़ चुकी हैं। मंजू देवी का कहना है कि सरकार की इस पहल से ग्रामीण महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। वहीं, सदस्य फूलमनी देवी ने कहा कि समूह से जुड़ने के बाद उनके जीवन में स्वरोज़गार के जरिये समृद्धि आई है।
अंतिम वीओ
दुमका जिले में स्वयं सहायता समूहों के जरिये महिलाओं के जीवन में आया यह बदलाव केवल एक उदाहरण है। जिले के लगभग हर पंचायत और गांव में ऐसे समूह सक्रिय हैं और हजारों महिलाएं आत्मनिर्भरता की नई कहानियां लिख रही हैं।
