“जीएसटी 2.0 से बढ़ेगा उपभोग, राजस्व हानि की भरपाई संभव: एसबीआई रिसर्च“
एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष 2026 में उपभोग व्यय में 5.5 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त वृद्धि होगी। इसके चलते जीएसटी राजस्व में लगभग 52,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त प्राप्ति हो सकती है। यह वृद्धि जीएसटी 2.0 सुधारों से होने वाले 45,000 करोड़ रुपए के अनुमानित राजस्व नुकसान को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी 2.0 से उपभोग और कर राजस्व में इज़ाफा होगा, साथ ही मुद्रास्फीति में भी कमी देखने को मिलेगी। हालांकि औसत राजस्व हानि लगभग 85,000 करोड़ रुपए तक हो सकती है, लेकिन इसके बावजूद खपत में 1.98 लाख करोड़ रुपए की बढ़ोतरी का अनुमान है। कर कटौती के असर से कुल मिलाकर 5.31 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त खपत दर्ज हो सकती है, जो जीडीपी के 1.6 प्रतिशत के बराबर होगी।
वित्तीय मोर्चे पर रिपोर्ट ने स्पष्ट किया कि वित्त वर्ष 2026 के लिए राजकोषीय घाटा लक्ष्य पार होने की संभावना नहीं है। विश्लेषकों द्वारा जताई गई उधारी बढ़ने और वित्तीय अनुमान बिगड़ने की आशंकाओं को रिपोर्ट ने अतिरंजित बताया।
मुद्रास्फीति के संदर्भ में, आवश्यक वस्तुओं जैसे खाद्य और कपड़ों पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किए जाने की उम्मीद जताई गई है। इससे सीपीआई मुद्रास्फीति में 10–15 आधार अंकों की कमी हो सकती है। वहीं, सेवाओं पर दरों के रेशनलाइजेशन से 5–10 आधार अंकों की अतिरिक्त गिरावट आएगी। कुल मिलाकर, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति में 20–25 आधार अंकों की कमी दर्ज होने की संभावना है।
