“भारत की अंतरिक्ष तकनीक बनेगी ‘विकसित भारत 2047’ का आधार: इसरो अध्यक्ष“
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने शुक्रवार को नेशनल मीट 2025 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की अंतरिक्ष तकनीक अब केवल वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं रही, बल्कि यह नागरिकों की जिंदगी में सीधा बदलाव लाने का माध्यम बन चुकी है।
उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष तकनीक से देश में सुरक्षा, संचार, मौसम पूर्वानुमान और विकास के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं और यही प्रगति “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण होगी।
इसरो की प्रमुख उपलब्धियां और योगदान
- भारत में आज 55 से अधिक अंतरिक्ष अनुप्रयोग सक्रिय हैं, जो टीवी प्रसारण से लेकर मौसम पूर्वानुमान तक नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित कर रहे हैं।
- 30 जून को नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार सैटेलाइट (NISAR) सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। यह दुनिया का सबसे महंगा सैटेलाइट है, जिसे इसरो ने तैयार कर अपने रॉकेट से कक्षा में स्थापित किया।
- 29 जनवरी 2025 को इसरो ने अपना 100वां रॉकेट लॉन्च कर इतिहास रचा।
- भारत अब उन चार देशों में शामिल है, जिन्होंने अंतरिक्ष में दो सैटेलाइट को सफलतापूर्वक डॉक और अनडॉक किया है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष में भेजा गया।
- आज भारत के पास चंद्रमा की कक्षा में सबसे उन्नत कैमरा मौजूद है।
- पिछले छह महीनों में इसरो ने तीन अहम मिशन पूरे किए, जिनमें ऐतिहासिक Axiom-4 मिशन भी शामिल है। इस मिशन में शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से सुरक्षित लौटने वाले पहले भारतीय बने।
भविष्य की दिशा
नारायणन ने कहा कि इसरो अपने अनुप्रयोगों को और अधिक सटीक, तेज और उपयोगकर्ता-मित्र बनाने पर काम कर रहा है। इन लक्ष्यों को पाने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी अहम होगी।
