“कभी टाइमपास समझे जाने वाले गेम्स बने बड़ी इंडस्ट्री, केंद्र सरकार लाई नया कानून”
कभी केवल मनोरंजन के साधन माने जाने वाले ऑनलाइन गेम्स आज एक विशाल ऑनलाइन मनी गेम्स इंडस्ट्री का रूप ले चुके हैं। इस तेजी से बढ़ते क्षेत्र ने हर उम्र और वर्ग के लोगों को प्रभावित किया है। हालांकि इसके दुष्परिणाम भी सामने आए हैं—कई परिवार आर्थिक संकट में फंसे, वहीं मनी लॉन्ड्रिंग, साइबर फ्रॉड और आतंकी फंडिंग जैसे मामलों में भी इन गेम्स के इस्तेमाल की पुष्टि हुई है।
इन्हीं चुनौतियों से निपटने और गेमिंग सेक्टर को नियंत्रित दिशा देने के लिए केंद्र सरकार ने ‘प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग एक्ट, 2025’ लागू किया है।
एस. कृष्णन का बयान
डीडी न्यूज़ के कार्यक्रम ‘साइबर ALERT’ में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन ने कहा कि यह कदम उठाना वक्त की जरूरत था। उन्होंने बताया कि खासतौर पर युवाओं, गरीब और लोअर मिडिल क्लास पर इसके गंभीर नकारात्मक प्रभाव देखे जा रहे थे।
उन्होंने कहा, “सरकार का उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग को पूरी तरह खत्म करना नहीं है, बल्कि उसे सुरक्षित और नियंत्रित तरीके से बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विज़न है कि भारत को गेमिंग इंडस्ट्री का वैश्विक हब बनाया जाए।”
कानून के प्रावधान
यह नया कानून केवल ऑनलाइन मनी गेम्स की निगरानी ही नहीं करेगा, बल्कि
- फेयर प्ले सुनिश्चित करेगा,
- यूज़र प्रोटेक्शन को प्राथमिकता देगा,
- और साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाएगा।
सरकार का मानना है कि रचनात्मकता और तकनीकी विकास को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ दुरुपयोग पर सख्ती से रोक लगाना ही इस इंडस्ट्री के लिए संतुलित रास्ता है।
