“भारतीय स्टार्टअप ‘कोयल एआई’ : आवाज़ से मिनटों में बनेगा वीडियो”
तकनीक ने हमेशा कहानी कहने के तरीकों को नया आयाम दिया है। कभी कहानियाँ और गीत सिर्फ़ मौखिक परंपरा से आगे बढ़ते थे, फिर रेडियो, टेलीविज़न और सिनेमा आए, जिन्होंने इसे और भव्य बनाया। लेकिन वीडियो बनाना आज भी समय और पैसे दोनों की माँग करता है। इसी चुनौती का समाधान लेकर सामने आया है भारतीय स्टार्टअप ‘कोयल एआई (Koyal AI)’, जो सिर्फ़ आवाज़ को पलों में वीडियो में बदल देता है।
बहन-भाई की पहल
दिल्ली के गौरी और मेहुल, बहन-भाई की जोड़ी ने मिलकर इस अनोखे प्लेटफ़ॉर्म की शुरुआत की। नाम रखा गया ‘कोयल’, वही पक्षी जो अपनी मधुर आवाज़ के लिए जानी जाती है। फर्क यह है कि इस बार कोयल आवाज़ से वीडियो बनाने की जादुई क्षमता रखती है।
यूज़र बस अपनी आवाज़ में गीत, पॉडकास्ट या वॉइस नोट रिकॉर्ड करें और ‘कोयल’ उसे मिनटों में किरदारों, लिप-सिंक और एनीमेशन के साथ प्रोफ़ेशनल क्वॉलिटी वीडियो में बदल देता है।
क्यों ज़रूरत पड़ी ‘कोयल’ की?
- वीडियो बनाना महंगा है
- एडिटिंग में बहुत समय लगता है
- कई अच्छे आइडिया अधूरे रह जाते हैं
दो साल की मेहनत
गौरी और मेहुल ने तय किया कि आवाज़ पर अटकी कहानियों को उड़ान दी जाए। दो साल के शोध और प्रयोगों के बाद उनकी टीम ने ऐसा समाधान विकसित किया, जिसमें किरदार स्वाभाविक दिखते हैं, कई लोग एक सीन में बातचीत कर सकते हैं और लिप-सिंक सटीक रहता है। अब ‘कोयल’ छोटे क्लिप्स के साथ-साथ लंबी वेब सीरीज़ जैसी कहानियाँ बनाने में भी सक्षम है।
भारत में क्यों खास?
दुनिया में एआई आधारित वीडियो टूल्स मौजूद हैं, लेकिन भारत में ऑडियो-टू-वीडियो स्टोरीटेलिंग के इस स्तर का प्लेटफ़ॉर्म पहली बार सामने आया है।
‘कोयल’ की प्रमुख ताक़त
- स्पीड – काम मिनटों में पूरा
- क्वॉलिटी – प्रोफ़ेशनल स्तर का वीडियो
- किफ़ायत – हर क्रिएटर की पहुंच में
आगे की राह
वर्तमान में ‘कोयल’ संगीत कंपनियों, पॉडकास्ट क्रिएटर्स और ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म्स के साथ प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है। शिक्षा और मनोरंजन जैसे क्षेत्रों में यह प्लेटफ़ॉर्म आवाज़ और नज़र को जोड़ने वाला पुल बन रहा है।
हर उस इंसान के लिए जिसके पास एक आवाज़ है, ‘कोयल’ उसे वीडियो के रूप में कहानी कहने की ताक़त दे रहा है।
