“मन की बात’ के 125वें एपिसोड में पीएम मोदी ने आपदा प्रबंधन में तकनीक और मानवीय संवेदनशीलता पर दिया जोर“
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 125वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने हाल ही में उत्तर भारत में आई बाढ़ और भूस्खलन की आपदाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में देश ने आधुनिक तकनीक और संसाधनों का प्रभावी उपयोग किया।
प्रधानमंत्री ने बताया कि राहत और बचाव कार्यों में थर्मल कैमरे, लाइव डिटेक्टर, स्निफर डॉग, ड्रोन और हेलीकॉप्टर जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया। इन प्रयासों से राहत सामग्री तेजी से प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंची और हजारों लोगों की जान बचाई जा सकी।
आपदा में जान-माल के नुकसान पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि मानसून के इस मौसम ने देश की कठिन परीक्षा ली है। कई घर, खेत, पुल और सड़कें बर्बाद हो गईं, जबकि अनेक परिवारों को अपनों को खोना पड़ा।
प्रधानमंत्री ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, सुरक्षा बलों, स्थानीय प्रशासन, डॉक्टरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि हर किसी ने मानवता को सर्वोपरि रखकर राहत कार्यों में सहयोग किया।
अपने संदेश में पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि आपदा के समय एकजुट होकर काम करने की ताकत ही भारत की सबसे बड़ी शक्ति है। तकनीक, संसाधन और मानवीय संवेदनशीलता का यह संयोजन दर्शाता है कि भारत हर चुनौती का डटकर सामना करने में सक्षम है।
