GST सुधार से भारत के विकास गति होगी सुदृढ़, उपभोक्ताओं के लिए लागत कम

“जीएसटी परिषद की बैठक में व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने के लिए दरों में बड़ी कटौती”

3 सितंबर 2025 को केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में व्यापार और वाणिज्य से जुड़े महत्वपूर्ण क्षेत्रों में जीएसटी दरों को घटाकर एक सरल और प्रभावी कर व्यवस्था लागू की गई। लेदर, फुटवियर, वस्त्र, पेपर, हस्तशिल्प, खिलौने, पैकेजिंग, लॉजिस्टिक्स, कृषि-प्रसंस्करण, ट्रैक्टर पुर्ज़े आदि उद्योगों को शामिल करते हुए इस सुधार का उद्देश्य उपभोक्ताओं की लागत कम करना, व्यापारियों के लिए अनुपालन आसान बनाना और भारतीय व्यवसायों की प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना है।

मुख्य निर्णय और लाभ:

लेदर और फुटवियर क्षेत्र:
चामोइस लेदर, टैनिंग के बाद तैयार लेदर और जानवरों की खाल से संबंधित उत्पादों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया। 2500 रुपये तक की कीमत वाले फुटवियर पर भी केवल 5% कर लगेगा, जिससे उपभोक्ताओं को राहत और निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा।

ई-कॉमर्स, पैकेजिंग और लॉजिस्टिक्स:
पैकिंग पेपर, कार्टन, बॉक्स, पेपर पल्प ट्रे आदि पर जीएसटी 5% कर दिया गया। ट्रकों और डिलीवरी वैन पर कर 28% से घटाकर 18% किया गया, जिससे माल ढुलाई और अंतिम डिलीवरी की लागत कम होगी।

लकड़ी उत्पाद:
चावल की भूसी बोर्ड, जूट पार्टिकल बोर्ड, बगास बोर्ड आदि पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया। इससे टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।

हस्तशिल्प क्षेत्र:
लकड़ी, पत्थर, धातु की मूर्तियों, किचनवेयर, नक्काशीदार उत्पादों आदि पर कर घटाकर 5% कर दिया गया, जिससे कारीगरों और निर्यातकों को आर्थिक लाभ मिलेगा।

वाणिज्यिक माल वाहन:
ट्रकों पर कर 28% से घटाकर 18% कर दिया गया, जिससे परिवहन लागत कम होगी और ई-कॉमर्स तथा कृषि उत्पादों की आपूर्ति में सुविधा होगी।

ट्रैक्टर पुर्ज़े:
ट्रैक्टर और उनके पुर्जों जैसे टायर, गियर आदि पर कर 5% कर दिया गया, जिससे घरेलू उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

फल, सब्जी और खाद्य प्रसंस्करण:
तैयार व संरक्षित खाद्य पदार्थों पर जीएसटी 5% कर दिया गया, जिससे शीत भंडारण और मूल्य संवर्धन को प्रोत्साहन मिलेगा।

वस्त्र उद्योग:
मानव निर्मित फाइबर और यार्न पर कर दरों को घटाकर 5% कर दिया गया, जिससे संरचनात्मक विसंगतियाँ दूर होंगी और वस्त्र उद्योग की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।

खिलौने और खेल सामग्री:
खिलौनों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया, जिससे बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा और घरेलू उद्योग को सहायता मिलेगी।

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