नई दिल्ली: ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ यानी एक राष्ट्र, एक चुनाव पर देशभर में चर्चा तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शीर्ष नेताओं ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय व्यक्त की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने इस विचार का समर्थन किया है और इसे देश के लिए फायदेमंद बताया है।
अमित शाह का बयान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के विचार को देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा, “बार-बार चुनाव कराने से देश के संसाधन और समय की भारी बर्बादी होती है। अगर एक साथ चुनाव होते हैं, तो यह खर्च और समय दोनों की बचत करेगा। इसके अलावा, इससे देश में राजनीतिक स्थिरता आएगी और विकास के कामों में तेजी आएगी।”
अमित शाह ने यह भी कहा कि यह विचार देश की जनता के हित में है, क्योंकि इससे पांच साल तक सरकारें बिना किसी चुनावी दबाव के अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगी। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस विचार को लेकर गंभीर हैं और सरकार इस पर विस्तृत चर्चा कर रही है।
सीएम योगी आदित्यनाथ का समर्थन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का पुरजोर समर्थन किया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा, “एक साथ चुनाव कराने से न केवल विकास के कार्यों में तेजी आएगी, बल्कि इससे सरकारों को स्थायित्व भी मिलेगा। बार-बार चुनाव से सरकार की पूरी ऊर्जा और संसाधन चुनावी प्रक्रिया में लग जाते हैं, जिससे विकास कार्य प्रभावित होते हैं।”
योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, “यह समय की मांग है कि देश में एक साथ चुनाव हों। इससे आदर्श आचार संहिता की वजह से होने वाले सरकारी कामों में रुकावट भी कम होगी और देश की प्रगति में तेजी आएगी।”
अन्य बीजेपी नेताओं की राय
बीजेपी के कई अन्य बड़े नेताओं ने भी इस विचार का समर्थन किया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, “वन नेशन, वन इलेक्शन से देश में राजनीतिक स्थिरता आएगी और बार-बार चुनावी खर्चों में भारी कमी आएगी। यह देश के विकास के लिए एक जरूरी कदम है।”
बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने भी कहा कि “एक साथ चुनाव होने से देश में शासन व्यवस्था मजबूत होगी और जनता को बार-बार चुनावी माहौल से गुजरना नहीं पड़ेगा।”
