“योगी आदित्यनाथ ने होली के अवसर पर सनातन धर्म की एकता का संदेश दिया“
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ के बाद अब होली ने भी सनातन धर्म के विरोधियों को जवाब दे दिया है। मुख्यमंत्री ने गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार में आयोजित होली मिलन कार्यक्रम में कहा कि जिन लोगों ने सनातन धर्म पर सवाल उठाए थे और इसके विभाजन की बातें की थीं, उन्हें होली ने जवाब दे दिया है।
उन्होंने कहा, “जो लोग सनातन धर्म को जाति, मत, संप्रदाय, भाषा, क्षेत्र या छुआछूत के आधार पर बांटने की कोशिश करते हैं, उन्हें महाकुंभ और होली जैसे आयोजनों ने स्पष्ट संदेश दिया है कि सनातन धर्म में कोई विभाजन नहीं है। होली पर हम सभी एक साथ मिलकर रंग-गुलाल खेलते हैं और भारत की सनातन परंपराओं को मजबूत करते हैं। यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सनातन धर्म को बदनाम करने वाले लोग समाज में बंटवारा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी यह कोशिश कभी सफल नहीं हो सकती। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे पर्व और त्योहार, जैसे महाकुंभ और होली, हमारी आस्था और श्रद्धा को सशक्त बनाते हैं और विकृतियों को परिमार्जित करने का मार्ग प्रदान करते हैं।
योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की सफलता का भी उल्लेख करते हुए कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का आना दुनिया के लिए एक चमत्कार था, लेकिन यह सनातन धर्मावलंबियों के लिए एक सामान्य जीवन पद्धति का हिस्सा था। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस में गंगाजल भेंट करते हुए यह प्रमाणित किया कि महाकुंभ का महत्व केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी महसूस किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने होली के आयोजन पर प्रदेशभर में शांति और सौहार्द की बात की और कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी पर्वों और त्योहारों को सहेज कर रखें और उन्हें किसी प्रकार की रूढ़िवादिता या दुष्प्रवृत्ति का शिकार नहीं होने दें।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गोरखनाथ मंदिर में होली मिलन कार्यक्रम में भाग लिया और उपस्थित लोगों पर फूलों की बौछार की। उन्होंने सभी को होली की शुभकामनाएं दी और कहा कि जब तक हम ऋषि परंपरा और आस्था के साथ इस विरासत को आगे बढ़ाते रहेंगे, तब तक कोई भी ताकत हमें नुकसान नहीं पहुंचा सकती।
