“सीजफायर के बावजूद तनाव: इजरायल ने मिसाइल हमले के संकेत दिए, ईरान ने आरोपों से किया इनकार“
मंगलवार को पश्चिम एशिया में फिर से तनाव गहरा गया, जब इजरायल ने दावा किया कि उसे ईरान की ओर से मिसाइलें दागे जाने के संकेत मिले हैं। यह बयान ऐसे समय आया जब इजरायल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित युद्धविराम (सीजफायर) को स्वीकार करने की घोषणा की थी।
हालांकि, ईरान ने इजरायल के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि तेहरान ने कोई मिसाइल लॉन्च नहीं की है और वह युद्धविराम का पालन कर रहा है। ईरान की सर्वोच्च सुरक्षा परिषद ने चेतावनी दी कि वह किसी भी आक्रामक हरकत का जवाब देने के लिए तैयार है।
इजरायली रक्षा मंत्री इसरायल काट्ज ने सीजफायर उल्लंघन के आरोप लगाते हुए ईरान के अंदर ठिकानों पर जवाबी हमले के आदेश दिए। इजरायली सेना के अनुसार, उत्तरी शहर हाइफा में हवाई हमले के सायरन बजने लगे, लेकिन एयर डिफेंस सिस्टम ने मिसाइलों को बीच में ही रोक दिया, जिससे किसी प्रकार का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।
इस घटनाक्रम के बीच, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल अब अपनी सैन्य कार्रवाई रोकने को तैयार है और ईरान के मिसाइल खतरे को “काफी हद तक निष्क्रिय” कर दिया गया है।
दूसरी ओर, ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने स्पष्ट किया कि अभी तक कोई औपचारिक युद्धविराम समझौता नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि इजरायल सुबह 4 बजे तक हमले रोक देता है, तो ईरान भी पलटवार रोकने पर विचार करेगा।
ईरानी अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका की ओर से भी कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला है, और उन्हें संघर्ष रोकने की कोई ठोस वजह नजर नहीं आती।
मुख्य बिंदु:
- इजरायल ने ईरान से मिसाइल हमलों के संकेतों का दावा किया
- ईरान ने आरोपों को नकारा, मिसाइल लॉन्च की पुष्टि नहीं की
- हाइफा में हवाई सायरन, लेकिन मिसाइलें बीच में ही रोकी गईं
- इजरायली प्रधानमंत्री ने सैन्य कार्रवाई रोकने की बात कही
- ईरान ने कहा—”हमारी सेना किसी भी जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार”
- औपचारिक युद्धविराम पर अब भी स्पष्टता नहीं
यह घटनाक्रम बताता है कि भले ही राजनीतिक स्तर पर शांति की बात हो रही है, लेकिन ज़मीनी हकीकत अब भी संघर्ष और अविश्वास से भरी हुई है।
