“भारत-जर्मनी ने बढ़ाया सहयोग, नए क्षेत्रों में साझेदारी की तलाश”
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल के साथ मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने डिफेंस, स्पेस, इनोवेशन और ऑटोमोबाइल क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर व्यापक चर्चा की और द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश को मजबूत करने पर जोर दिया।
बाजार पहुंच और व्यापार वृद्धि पर चर्चा
पीयूष गोयल ने बताया कि बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों की सह-अध्यक्षता की।
- मुख्य एजेंडा: बाजार तक पहुंच, रेगुलेटरी फ्रेमवर्क और व्यापार वृद्धि
- सहयोग के क्षेत्र: डिफेंस, स्पेस, ऑटोमोबाइल और इनोवेशन
उत्पादक रही बैठक
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बैठक काफी प्रोडक्टिव रही और चर्चा का केंद्र द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश संबंधों को और मजबूत करना था। इसके अलावा, दोनों देशों ने साझा विकास और समृद्धि के लिए इनोवेशन, सस्टेनेबिलिटी, टेक्नोलॉजी और अन्य पारस्परिक हितों वाले क्षेत्रों में नए अवसर तलाशने पर सहमति जताई।
जर्मन कंपनियों को भरोसा
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जर्मन कंपनियों को आश्वासन दिया कि भारत सरकार उनकी हर चिंता पर विशेष ध्यान देगी। उन्होंने कहा, “हम भारत में कारोबार की सुगमता को बेहतर बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।”
भारत-जर्मनी व्यापारिक संबंध
- जर्मनी ने भारत को अपना महत्वपूर्ण आर्थिक और व्यापारिक साझेदार बताया।
- भारत में 200 से अधिक जर्मन कंपनियां सक्रिय हैं।
- 2024-25 में जर्मनी, भारत का 8वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा।
- अप्रैल 2000 से मार्च 2025 तक जर्मनी ने भारत में 15.11 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) किया, जिससे वह 9वां सबसे बड़ा निवेशक बन गया।
