कैबिनेट ने रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना को दी मंजूरी 

रोजगार सृजन के लिए सरकार की बड़ी पहल: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ELI योजना को दी मंजूरी, पहली बार नौकरी करने वालों को मिलेगा वेतन प्रोत


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (Employment Linked Incentive – ELI) को मंजूरी दे दी है। इस योजना का उद्देश्य सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देना है।

इस योजना का विशेष जोर विनिर्माण क्षेत्र पर होगा, जहां नियोक्ताओं को दो से चार वर्षों तक प्रोत्साहन दिया जाएगा।

पहली बार नौकरी करने वालों को 15,000 रुपये तक वेतन प्रोत्साहन

  • योजना के भाग A में ईपीएफओ के साथ पंजीकृत पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को दो किस्तों में 15,000 रुपये तक का एक महीने का वेतन प्रोत्साहन मिलेगा।
  • पात्रता के लिए कर्मचारी का वेतन 1 लाख रुपये प्रति माह से कम होना चाहिए।
  • पहली किस्त 6 महीने की सेवा के बाद और दूसरी 12 महीने की सेवा व वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने पर मिलेगी।
  • प्रोत्साहन का एक हिस्सा बचत खाते में जमा किया जाएगा ताकि भविष्य में उपयोग हो सके।
  • इस भाग से करीब 1.92 करोड़ युवाओं को लाभ मिलेगा।

भाग B: नियोक्ताओं को मिलेगा प्रोत्साहन

  • यह भाग नए रोजगार सृजन वाले नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करेगा।
  • 1 लाख रुपये तक वेतन वाले हर अतिरिक्त कर्मचारी के लिए सरकार प्रति माह 3,000 रुपये तक का प्रोत्साहन देगी।
  • विनिर्माण क्षेत्र के लिए यह प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष तक भी जारी रहेगा।
  • नियोक्ता को कम से कम 6 महीने तक कर्मचारी को बनाए रखना होगा।
  • 50 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को कम से कम 2 नए कर्मचारी और 50 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को 5 नए कर्मचारी नियुक्त करने होंगे।

दो वर्षों में 3.5 करोड़ नौकरियों को मिलेगा समर्थन

  • ELI योजना का कुल बजट 99,446 करोड़ रुपये रखा गया है।
  • यह योजना 01 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक लागू रहेगी।
  • इस अवधि में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य है।

पांच योजनाओं के महापैकेज का हिस्सा

ELI योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तावित पांच योजनाओं के पैकेज के हिस्से के रूप में की गई थी। इसका उद्देश्य 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार, कौशल और आजीविका से जोड़ना है, जिस पर कुल 2 लाख करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है।

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