रक्षा मंत्री ने महिला सैन्य अधिकारियों को बताया “बदलाव की मशाल”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर में चल रहे संयुक्त राष्ट्र महिला सैन्य अधिकारी पाठ्यक्रम (UNWMOC-2025) में शामिल 15 देशों की महिला सैन्य अधिकारियों और 12 भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने इन सभी को वैश्विक शांति प्रयासों में “बदलाव की मशाल” करार दिया।
यह पाठ्यक्रम 18 से 29 अगस्त तक आयोजित हो रहा है, जिसे संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र (CUNPK) ने रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के सहयोग से तैयार किया है। इसका उद्देश्य महिला अधिकारियों की पेशेवर क्षमता को बढ़ाना है, ताकि वे संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में और अधिक प्रभावी भूमिका निभा सकें।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत हमेशा से ही महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देता आया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि महिला अधिकारी शांति अभियानों में “अमूल्य और अनोखा दृष्टिकोण” लेकर आती हैं, जिससे स्थानीय समुदायों के साथ भरोसा बनता है, यौन हिंसा की घटनाओं पर रोक लगती है और मानवीय सहायता अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचती है।
इस पाठ्यक्रम में आर्मेनिया, डीआर कांगो, मिस्र, आइवरी कोस्ट, केन्या, किर्गिज गणराज्य, लाइबेरिया, मलेशिया, मोरक्को, नेपाल, सिएरा लियोन, श्रीलंका, तंजानिया, उरुग्वे और वियतनाम की महिला अधिकारी शामिल हैं। राजनाथ सिंह ने उनकी उपस्थिति को “संयुक्त राष्ट्र की एकता और सहयोग की भावना का प्रतीक” बताया।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने ‘ब्लू हेलमेट ओडिसी : 75 ईयर्स ऑफ इंडियन पीसकीपिंग’ शीर्षक वाली यूएन जर्नल 2025 का भी विमोचन किया। इसमें भारत के 75 वर्षों के शांति स्थापना योगदान को दर्शाया गया है।
पाठ्यक्रम में आधुनिक शांति अभियानों से जुड़ी चुनौतियों जैसे अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून, नागरिकों और बच्चों की सुरक्षा, शरणार्थियों के अधिकार और संघर्ष से जुड़ी यौन हिंसा की रोकथाम जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र ड्यूटी के लिए नामित एक इन्फैंट्री बटालियन ने फील्ड डेमोंस्ट्रेशन भी प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और अन्य वरिष्ठ रक्षा अधिकारी भी मौजूद रहे।
