“ हिमाचल कैबिनेट के बड़े फैसले: आपदा राहत पैकेज, पेपर लीक पर शिकंजा और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार“
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शिमला सचिवालय में आयोजित हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में राज्यहित में कई अहम फैसले लिए गए। बैठक का प्रमुख फोकस आपदा राहत, परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और स्वास्थ्य ढांचे के विस्तार पर रहा।
आपदा प्रभावितों के लिए विशेष राहत पैकेज
हाल ही में राज्य के विभिन्न हिस्सों में आई प्राकृतिक आपदाओं—भूस्खलन, भारी बारिश और बाढ़—से प्रभावित परिवारों के लिए विशेष राहत पैकेज को मंजूरी दी गई। इस पैकेज के तहत मकान क्षतिग्रस्त होने पर आर्थिक सहायता, विस्थापित परिवारों के पुनर्वास, और बुनियादी ढांचे की मरम्मत के लिए अतिरिक्त धनराशि आवंटित की गई है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, “राज्य सरकार आपदा प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है।”
पेपर लीक मामलों पर सख्त कानून
शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए मंत्रिमंडल ने परीक्षा पत्र गोपनीयता संरक्षण विधेयक 2025 (Paper Leak Prevention Bill) को मंजूरी दी है। इस कानून के तहत प्रश्नपत्र लीक करने, प्राप्त करने या फैलाने पर कठोर दंड का प्रावधान किया गया है। दोषियों को सात वर्ष तक की सजा और आर्थिक दंड का सामना करना पड़ सकता है।
यह विधेयक हालिया समय में राज्य में हुई परीक्षा लीक घटनाओं की पृष्ठभूमि में लाया गया है और इसे शिक्षा में सुधार की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।
स्वास्थ्य और पर्यावरण के क्षेत्र में नई पहलें
कैबिनेट ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को सशक्त बनाने हेतु कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) के उन्नयन को स्वीकृति दी। साथ ही, कुछ नए चिकित्सा केंद्रों की स्थापना और मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयों की शुरुआत की भी घोषणा की गई है।
इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण के अंतर्गत ग्रीन हिमाचल मिशन के तहत वृक्षारोपण अभियान और जल स्रोतों के संरक्षण से जुड़ी परियोजनाओं को भी हरी झंडी दी गई।
