“गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में निर्मित स्वदेशी प्रदूषण नियंत्रण पोत ‘समुद्र प्रचेत’ का सफल लोकार्पण“
गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) में निर्मित दूसरे स्वदेशी प्रदूषण नियंत्रण पोत ‘समुद्र प्रचेत’ को बुधवार को एक औपचारिक समारोह में लॉन्च किया गया। यह पोत, जीएसएल यार्ड 1268, भारतीय तटरक्षक बल (ICG) के लिए निर्मित दो प्रदूषण नियंत्रण पोतों की श्रृंखला का अंतिम पोत है। इससे पहले पहला पोत (यार्ड 1267) पिछले वर्ष 29 अगस्त को लॉन्च किया गया था।
महानिदेशक की उपस्थिति में लांचिंग
समुद्र प्रचेत की लांचिंग भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक परमेश शिवमणि की मौजूदगी में उनकी पत्नी प्रिया परमेश के हाथों सम्पन्न हुई। इस अवसर पर महानिदेशक ने कहा कि यह पोत भारत की बढ़ती जहाज निर्माण क्षमताओं का अनुकरणीय उदाहरण है और तटरक्षक बल की प्रदूषण नियंत्रण प्रतिक्रिया क्षमताओं को सशक्त करेगा।
स्वदेशी निर्माण और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
महानिदेशक शिवमणि ने इस अवसर पर जीएसएल और आईसीजी के बीच मजबूत तालमेल की सराहना करते हुए आत्मनिर्भर भारत अभियान में जीएसएल की भूमिका को अहम बताया। उन्होंने कहा कि सभी चुनौतियों के बावजूद यह परियोजना भारत के रक्षा उत्पादन क्षेत्र को और सशक्त बनाने वाली है।
तकनीकी विशेषताएं और सामरिक भूमिका
भारतीय तटरक्षक बल के कमांडेंट अमित उनियाल के अनुसार, समुद्र प्रचेत की लंबाई 114.5 मीटर, चौड़ाई 16.5 मीटर है और इसका विस्थापन 4170 टन होगा। इसमें अत्याधुनिक प्रदूषण नियंत्रण उपकरण लगे हैं, जिससे यह पोत भारत के आर्थिक विशेष क्षेत्र (EEZ) में किसी भी तेल रिसाव की स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने में सक्षम होगा।
स्थानीय उद्योगों को भी लाभ
इस परियोजना से गोवा के स्थानीय उद्योगों और MSMEs को रोजगार के अवसर मिले हैं, जिससे समुद्री उत्पादन गतिविधियों को भी बल मिला है।
समारोह में प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
लोकार्पण समारोह में जीएसएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बृजेश कुमार उपाध्याय, रक्षा मंत्रालय और तटरक्षक बल के वरिष्ठ अधिकारी तथा जीएसएल के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
