“इंजीनियरिंग सामान के निर्यात में 60% की वृद्धि: ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता का प्रमाण“
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि वर्ष 2014 से अब तक भारत के इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्यात में 60 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने इस प्रगति को ‘मेक इन इंडिया’ पहल की सफलता का परिचायक बताया और कहा कि यह उपलब्धि सरकार के सतत प्रयासों का परिणाम है।
पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “भारत 2014 से मोदी सरकार के तहत आगे बढ़ रहा है! इंजीनियरिंग सामान के निर्यात में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो ‘मेक इन इंडिया’ की मजबूत सफलता को दर्शाता है।”
औद्योगिक प्रदर्शन में भी दिखा सुधार
यह निर्यात वृद्धि ऐसे समय में सामने आई है जब भारत का समग्र औद्योगिक प्रदर्शन भी सुधार की दिशा में अग्रसर है। सांख्यिकी मंत्रालय के अनुसार, अप्रैल 2025 में औद्योगिक उत्पादन में वार्षिक आधार पर 2.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर बना विकास का आधार
भारत की आर्थिक वृद्धि में अहम भूमिका निभाने वाला मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर अप्रैल में 3.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ मजबूत हुआ, जो मार्च 2025 में दर्ज 3 प्रतिशत से अधिक है। इस क्षेत्र में बेसिक मेटल, मोटर व्हीकल और मशीनरी जैसे उप-क्षेत्रों ने उल्लेखनीय योगदान दिया। खासतौर पर मशीनरी और उपकरण निर्माण में 17 प्रतिशत की वृद्धि ने घरेलू और वैश्विक बाजारों में मजबूत मांग को दर्शाया।
इंफ्रास्ट्रक्चर उपकरणों के उत्पादन में तीव्र बढ़ोतरी
औद्योगिक और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में प्रयुक्त उपकरणों के उत्पादन में 20.3 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि दर्ज की गई, जो उच्च निवेश गतिविधियों और दीर्घकालिक रोजगार सृजन का संकेत देती है।
उपभोक्ता मांग और सरकारी खर्च से मिला समर्थन
इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरणों जैसे टिकाऊ उपभोक्ता उत्पादों के उत्पादन में भी 6.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। साथ ही, इंफ्रास्ट्रक्चर और निर्माण वस्तुओं के उत्पादन में अप्रैल में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो कि राजमार्गों, रेलवे और बंदरगाहों जैसे क्षेत्रों में सरकारी निवेश के चलते संभव हुआ।
