“उत्तर प्रदेश बना भारत का ‘एक्सप्रेस स्टेट’, देश के 42% एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे का केंद्र“
उत्तर प्रदेश अब भारत के बुनियादी ढांचे के मानचित्र पर सबसे सशक्त उपस्थिति दर्ज कर चुका है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के राष्ट्र को समर्पण के साथ ही प्रदेश देश के कुल एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे नेटवर्क का 42% हिस्सा अपने नाम कर चुका है, जो पहले 38% था।
यही नहीं, गंगा एक्सप्रेसवे (594 किमी) के उद्घाटन के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 62% तक पहुंच जाएगा, यानी देश के हर 10 किलोमीटर एक्सप्रेसवे में से 6 किलोमीटर उत्तर प्रदेश में होंगे। यह उपलब्धि उत्तर प्रदेश को ‘एक्सप्रेस स्टेट ऑफ इंडिया’ के रूप में स्थापित कर रही है।
सामाजिक-आर्थिक बदलाव का वाहक बना इंफ्रास्ट्रक्चर
प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के अनुसार, जहां देश में कुल लगभग 2900 किमी एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे हैं, वहीं अकेले उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा 1200 किमी से अधिक है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे जुड़ने से यह आंकड़ा 42% पहुंचा और आगामी गंगा एक्सप्रेसवे के साथ 62% पार कर जाएगा।
पूर्वांचल, बुंदेलखंड और तराई जैसे पिछड़े क्षेत्रों को एक्सप्रेसवे नेटवर्क से जोड़कर सरकार वहां उद्योग, रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा के नए अवसर पैदा कर रही है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे: लागत और निर्माण
- लंबाई: 91 किमी
- कुल लागत: ₹7200 करोड़
- निर्माण लागत: ₹3400 करोड़
- भूमि अधिग्रहण: 1100 हेक्टेयर (22,000 किसानों से)
यूपी में वर्तमान में संचालित एक्सप्रेसवे और उनकी लंबाई
- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे – 341 किमी
- बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे – 296 किमी
- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे – 302 किमी
- यमुना एक्सप्रेसवे – 165 किमी
- दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे – 96 किमी
- नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे – 25 किमी
- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे – 91 किमी
निर्माणाधीन और प्रस्तावित एक्सप्रेसवे
- गंगा एक्सप्रेसवे – 594 किमी (निर्माणाधीन)
- बलिया लिंक एक्सप्रेसवे – 35 किमी
- लखनऊ-कानपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे – 63 किमी
- चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे
- आगरा-लखनऊ को पूर्वांचल से जोड़ने वाला लिंक
- बुंदेलखंड को अन्य मार्गों से जोड़ने वाला लिंक
- फर्रूखाबाद-वाया गंगा एक्सप्रेसवे लिंक
- जेवर एयरपोर्ट लिंक एक्सप्रेसवे
उत्तर प्रदेश अकेला राज्य है जहां 2000 किमी से अधिक एक्सप्रेसवे नेटवर्क पर कार्य चल रहा है।
योगी सरकार की एक्सप्रेस विकास यात्रा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश ने इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को आर्थिक और सामाजिक उत्थान से जोड़ा है। इन एक्सप्रेसवेज़ ने यूपी को राष्ट्रीय व्यापार, निवेश और यात्रा का केंद्र बना दिया है।
जहां अन्य राज्य अभी योजना स्तर पर हैं, वहीं उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे नेटवर्क का बेस कैंप बन चुका है।
