विदेश सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों से मिलीं राष्ट्रपति मुर्मु, कहा- भारत की आत्मा का राजदूत बनकर करें कार्य

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मिले भारतीय विदेश सेवा के प्रशिक्षु अधिकारी

भारतीय विदेश सेवा (2024 बैच) के प्रशिक्षु अधिकारियों ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की। इस दौरान राष्ट्रपति ने उन्हें सेवा में शामिल होने पर बधाई दी और महत्वपूर्ण संदेश दिए।

राष्ट्रपति मुर्मु ने अधिकारियों से कहा कि वे शांति, बहुलवाद, अहिंसा और संवाद जैसे भारतीय सभ्यतागत मूल्यों को साथ लेकर आगे बढ़ें और हर संस्कृति के विचारों व दृष्टिकोणों के प्रति खुले रहें। उन्होंने कहा कि बदलते भू-राजनीतिक हालात, डिजिटल क्रांति, जलवायु परिवर्तन और बहुपक्षीय चुनौतियों के बीच उनकी चपलता और अनुकूलनशीलता भारत की सफलता की कुंजी होगी।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत विश्व की प्रमुख चुनौतियों के समाधान का अनिवार्य हिस्सा है और भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी दुनिया के सामने भारत का पहला चेहरा होंगे।

राष्ट्रपति ने सांस्कृतिक कूटनीति के महत्व को रेखांकित करते हुए योग, आयुर्वेद, श्रीअन्न, भारतीय संगीत, कला और भाषाई-आध्यात्मिक परंपराओं को विदेशों में प्रसारित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कूटनीतिक प्रयास भारत के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य से जुड़े होने चाहिए।

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