“राज्य स्तरीय कार्यशाला में आधार के व्यापक उपयोग पर जोर“
राजधानी रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस के कन्वेंशन हॉल में आज “आधार से अधिकतम लाभ प्राप्त करना” विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह आयोजन भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के हैदराबाद क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य आधार के प्रभावी उपयोग को प्रोत्साहित कर जनकल्याणकारी योजनाओं को अधिक पारदर्शिता और दक्षता के साथ लागू करना रहा।
मुख्य सचिव अमिताभ जैन के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यशाला का उद्घाटन यूआईडीएआई के मुख्य कार्यपालन अधिकारी भुवनेश कुमार ने किया। उन्होंने बताया कि देश में अब तक लगभग 140 करोड़ आधार बनाए जा चुके हैं, जिनकी सहायता से लाभार्थियों को योजनाओं का सीधा लाभ मिल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि आधार एनरोलमेंट एवं अपडेशन प्रक्रिया को सरल, ऑनलाइन और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए नवीनतम सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक सिंह ने कहा कि आधार, भारत का सबसे परिवर्तनकारी डिजिटल पहचान मंच बन चुका है, जो सुशासन और डिजिटल गवर्नेंस को गति दे रहा है।
सीएचआईपीएस के सीईओ प्रभात मलिक ने आधार प्रमाणीकरण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इससे अपात्र हितग्राहियों को योजनाओं से हटाकर पात्र लोगों को लाभ सुनिश्चित किया जा सकता है। यूआईडीएआई हैदराबाद के निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल शरत नांबियार ने भी अपने विचार साझा किए।
इस अवसर पर प्रदेश के 14 ऐसे आधार केंद्र ऑपरेटरों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने बीते छह माह में अत्यंत कम त्रुटियों के साथ आधार एनरोलमेंट एवं अपडेशन का कार्य किया।
कार्यशाला में प्रतिभागियों ने आधार से संबंधित तकनीकी और व्यावहारिक प्रश्न भी पूछे, जिनका विशेषज्ञों ने समाधान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में उद्योग, वाणिज्य, राजस्व, लोक निर्माण और सामान्य प्रशासन विभागों के सचिवों सहित राज्य के विभिन्न जिलों से आए वरिष्ठ अधिकारी और आधार ऑपरेटर्स शामिल हुए।
