“गंगईकोंडा चोलपुरम पहुंचे पीएम मोदी: चोल सम्राट की विरासत को किया नमन, जारी किया स्मारक सिक्का“
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को तमिलनाडु के ऐतिहासिक गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने ‘आदि तिरुवथिरई’ समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम के सम्मान में एक स्मारक सिक्का जारी किया, जो उनके दक्षिण-पूर्व एशियाई समुद्री अभियान की 1,000वीं वर्षगांठ को चिह्नित करता ह
समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री के त्रिची हवाई अड्डे से हेलीकॉप्टर द्वारा मंदिर स्थल पर आगमन से हुई। यहां उनका पारंपरिक स्वागत तिरुवदुथुरै अधीनम के प्रमुख द्वारा ‘पूर्ण कुंभम’ के साथ किया गया। मंदिर में भगवान बृहदेश्वर का अभिषेक वाराणसी से लाए गए गंगा जल से किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर के गर्भगृह में तीन मिनट मौन साधना की और बाद में पुरातत्व विभाग द्वारा आयोजित एक विशेष फोटो प्रदर्शनी में भी भाग लिया। इस ऐतिहासिक अवसर पर संगीत सम्राट इलैयाराजा के निर्देशन में एक विशेष सिम्फनी प्रस्तुत की गई, जिसमें प्रधानमंत्री ने संक्षिप्त रूप से शिरकत की।
इससे पहले शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने तूतीकोरिन में ₹452 करोड़ की लागत से बने हवाई अड्डे के टर्मिनल का उद्घाटन किया। इसके अलावा उन्होंने कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना से जुड़ी विद्युत पारेषण व्यवस्था, रेलवे लाइनों के दोहरीकरण, और मदुरै-बोदिनायक्कनूर रेलवे खंड के विद्युतीकरण जैसी विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
शनिवार रात पीएम मोदी तिरुचिरापल्ली में रुके, जहां उन्होंने अन्नाद्रमुक प्रमुख एडप्पादी के. पलानीस्वामी से एक अहम राजनीतिक बैठक की। यह बैठक एनडीए और अन्नाद्रमुक के बीच 2026 विधानसभा चुनावों की तैयारियों के मद्देनज़र महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
रविवार को प्रधानमंत्री ने त्रिची में जनता का अभिवादन भी किया, जहां उनके रोड शो के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे। इसके बाद दोपहर 2:30 बजे उनका दिल्ली लौटने का कार्यक्रम निर्धारित है।
यह यात्रा ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जिसमें चोल साम्राज्य की समुद्री विरासत को आधुनिक भारत के विकास कार्यक्रमों से जोड़ने का प्रयास दिखाई देता है।
