“भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के बीच टैरिफ विवाद: भारत ने दी सख्त प्रतिक्रिया“
भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से जारी व्यापार वार्ता के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर एकतरफा टैरिफ लगाने की घोषणा से नया विवाद खड़ा हो गया है। भारत सरकार ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट किया कि वह देश के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
सरकार की प्रतिक्रिया
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में कहा कि भारत सरकार किसानों, उद्यमियों और एमएसएमई सेक्टर के हितों को सर्वोपरि मानती है। उन्होंने बताया कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता जारी रहेगी, लेकिन किसी भी कीमत पर राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं किया जाएगा।
चार आमने-सामने की बैठकें, कई डिजिटल दौर
गोयल ने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच अब तक चार आमने-सामने की बैठकें हो चुकी हैं, जबकि कई दौर की चर्चा वर्चुअली हुई है। भारत पहले ही यूएई, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के साथ सफलतापूर्वक व्यापार समझौते कर चुका है और अन्य देशों के साथ भी ऐसी पहल जारी है।
भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत
वाणिज्य मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत अब दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है और जल्द ही यह तीसरे स्थान पर होगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बीते दशक में देश को “कमजोर अर्थव्यवस्था” की श्रेणी से निकालकर “वैश्विक शक्ति” के रूप में खड़ा किया है।
टैरिफ विवाद की पृष्ठभूमि
राष्ट्रपति ट्रंप के फिर से सत्ता में आने के बाद उन्होंने कई देशों पर टैरिफ लगाने की नीति अपनाई। भारत पर भी अमेरिकी उत्पादों पर उच्च कर लगाने का आरोप लगाया गया है। हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया है कि कृषि और लघु उद्योग क्षेत्र की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा।
टैरिफ का अर्थ
टैरिफ वह कर होता है जो किसी अन्य देश से आयातित वस्तु पर लगाया जाता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी वस्तु की कीमत 10 डॉलर है और उस पर 10% टैरिफ है, तो आयातक को 1 डॉलर अतिरिक्त देना होगा।
भारत और अमेरिका के व्यापार संबंध
2024 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 190 अरब डॉलर तक पहुंचा, जिसमें भारत का निर्यात 120 अरब डॉलर और अमेरिका का 70 अरब डॉलर रहा। अमेरिका भारत में एफडीआई का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत है, जबकि अमेरिका में भारतीय कंपनियों ने 40 अरब डॉलर का निवेश किया है।
